जागरूकता से ही कोहरे के कोहराम से बचाव संभव
बगहा। मौसम का मिजाज पल-पल बदल रहा। ठंड ने दस्तक दे दी है। इस मौसम में सड़क हादसों का ग्राफ अचानक बढ़ जाता है। कारण धुंध और कोहरे की मार।
बगहा। मौसम का मिजाज पल-पल बदल रहा। ठंड ने दस्तक दे दी है। इस मौसम में सड़क हादसों का ग्राफ अचानक बढ़ जाता है। कारण धुंध और कोहरे की मार। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार यदि धीमी न हो तो हर कदम पर खतरा। कहा गया है कि जान है तो जहान है। इसलिए ठंड के मौसम में सुरक्षित यात्रा हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरती है। ठंड में होने वाली दुर्घटनाओं में अधिकांश कोहरे की वजह से ही होते हैं। धुंध और कोहरे से बचाव के लिए फाग लैंप, बीम लाइट, इंडीकेटर्स, डे टाइम र¨नग लाइटों समेत अन्य की जानकारी चालकों को निश्चित रूप से होनी चाहिए। वाहनों के परिचालन में सावधानी के साथ जागरूकता से ही कोहरे के कोहराम से बचा जा सकता है। बगहा पुलिस जिले में बीते दो वर्षो में करीब पांच दर्जन दुर्घटनाएं हुईं। इन हादसों में अधिकांश दिसंबर से फरवरी के बीच हुए। दुर्घटनाओं में करीब दर्जन भर लोगों की मौत हुई। जबकि 3 दर्जन लोग जख्मी हुए। इस दौरान दो पहिया वाहन सबसे अधिक दुर्घटनाग्रस्त हुए। बेलगाम स्पीड और वाहनों के अनफिट होने के कारण दुर्घटना में लोगों की असमय मौतें हुई। इसलिए यह आवश्यक है कि ठंड शुरु होने से पहले एक बार वाहनों की फिटनेस की जांच करा ली जाए। हार्न, इंडीकेटर व लाइटों की जांच कराकर ही दो पहिया या चार पहिया वाहनों के साथ सड़क पर उतरना चाहिए। नियत स्पीड में वाहनों के परिचालन से दुर्घटना का खतरा काफी कम हो जाएगा। सड़कों के साथ वाहनों पर भी रेडियन स्टीकर्स आवश्यक :-
दुर्घटनाओं का ग्राफ गिरे, इसके लिए सड़कों किनारे रेडियन स्टीकर्स लगाए गए हैं। ताकि चालक सड़क के दायरे से परिचित रहे। ये स्टीकर्स लाइट पर तेज चमक बिखेरते हैं और दूर से ही देखे जा सकते हैं। आवश्यकता है कि वाहनों पर भी रेडियन स्टीकरों का उपयोग किया जाए। विशेषज्ञों के अनुसार यदि रेडियन स्टीकर्स लगे वाहन परिचालित किए जाए तो निश्चित ही चालक दूर से ही सावधान हो जाएंगे। हां मैंने नजदीक से देखा है वह भयावह मंजर :- 16 जनवरी 2013 की संध्या चार बजे एक मित्र के साथ मैं कुशीनगर उत्तर प्रदेश से बाइक से बगहा के लिए चला। पांच बजते बजते कोहरे की चादर बिछ चुकी थी। 100 मीटर दूर की वस्तुओं को देख पाना भी काफी मुश्किल हो रहा था। मैं बाइक ड्राइव कर रहा था। स्पीड बेहद कम थी। हम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे। इसी बीच नेबुआ नौरंगिया के समीप अचानक जोरदार आवाज हुई। मैंने अचानक ब्रेक लिया और बाइक फिसलकर बगल के गड्ढे में जा गिरी। जगह सुनसान था। इसलिए हमारी मदद को कोई नहीं आया। हिम्मत कर हमने बाइक खड़ी की और किसी तरह से गड्ढे से बाहर निकले। सड़क पर कुछ दूर पैदल ही आगे बढ़े। सामने एक ट्रक और पिकअप के बीच जोरदार टक्कर हुई थी। पिकअप के चालक समेत दो लोग गंभीर रूप से जख्मी थे। गड्ढे में गिरने के कारण हल्की चोट हमें भी आई थी। लेकिन दुर्घटना का यह भयावह मंजर देखकर हम अपना दर्द भूल गए। आननफानन में समीप के गांव पहुंचे और लोगों को खबर दी। जख्मी लोगों को अस्पताल ले जाया गया। हम बाइक से धीरे-धीरे घर लौट आए। लेकिन जख्मी लोगों का क्या हुआ, हमें नहीं पता। आज भी वह मंजर आंखों के सामने आता है और रुह सिहर जाती है। लोगों से मेरी अपील है कि ठंड के दिनों में कम से कम सड़क यात्रा करें। वाहनों का परिचालन काफी सावधानी से करें।
मुनींद्र कुमार, बगहा दो।