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बहुत कर लिए आरजू-मिन्नत, अब करेंगे आंदोलन

नहर पर एक पुल का निर्माण हो जाती तो गांव के विकास का द्वार खुल जाता। इस गांव का अन्य गांवों से संपर्क स्थापित हो जाता। विनय कुमार मिश्र किसान

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 11:40 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 11:40 PM (IST)
बहुत कर लिए आरजू-मिन्नत, अब करेंगे आंदोलन
बहुत कर लिए आरजू-मिन्नत, अब करेंगे आंदोलन

शनिचरी। योगापट्टी प्रखंड की बहुअरवा पंचायत का मिश्रौली गोइता टोला गांव। सरकार की ओर से गांवों को मुख्य सड़क से जोड़ने की योजना है पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण अभी भी यह गांव प्रधानमंत्री सड़क योजना के लाभ से वंचित है। यहां के लोगों ने वर्ष 2014 में लोक सभा चुनाव का बहिष्कार भी किया था। जनप्रतिनिधियों के प्रति नाराजगी का यह नमूना था। बहिष्कार की सुगबुगाहट 2019 में भी आरंभ हुई थी लेकिन स्थानीय स्तर पर प्रशासन की पहल और कई दिग्गज राजनीतिज्ञों की मनुहार का परिणाम यह हुआ कि यहां के लोगों ने वोट का बहिष्कार नहीं किया। लेकिन अब ये खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसको लेकर गुरुवार को गांव के रामजानकी मंदिर के प्रांगण में ग्रामीणों की बैठक हुई। बैठक में वार्ड सदस्य सुनील प्रसाद के प्रयास से गांव में नल जल योजना का कार्य आरंभ किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई। लेकिन गांव की प्रमुख समस्या सड़क को लेकर चिता व्यक्त की गई। चूंकि यह कार्य पंचायत योजना से संभव नहीं है। इसके लिए विधायक एवं सांसद का हस्तक्षेप अनिवार्य है। ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि अब तक तो जनप्रतिनिधियों से आरजू-मिन्नत कर रहे थे लेकिन किसी ने फरियाद नहीं सुनी। अब इसके लिए आंदोलन की दरकार है। बैठक में वार्ड सदस्य सुनील प्रसाद, अमर शर्मा ,विनय मिश्रा, रेखा महतो, धनराज प्रसाद, दीपक प्रसाद ,उमेश प्रसाद, कृष्णा प्रसाद आदि उपस्थित रहे।

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मंदिर परिसर में चलता आंगनबाड़ी केंद्र

ग्रामीणों ने बताया कि जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर की दूरी और प्रखंड मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर दो नहरों के बीच में बसा है मिश्रौली गोइता टोला गांव जिसकी आबादी 5000 से अधिक है। मतदाताओं की संख्या 1034 है। इस गांव में एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय और एक प्राथमिक विद्यालय है। एक आंगनबाड़ी केंद्र व एक स्वास्थ्य केंद्र भी है।

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मुख्य सड़क से गांव का संपर्क नहीं

65 वर्षीय मथुरा प्रसाद कहते हैं कि वर्ष 1962 में तिरहुत नहर की खुदाई के बाद गांव के लोगों के लिए पुल का निर्माण नही हो पाया। इससे इस गांव का पंचायत के अन्य गांवों से संपर्क भंग है। 3 -4 किलोमीटर एनएच पर पहुंचने के लिए सड़क विहीन नहर के रास्ते से जाना पड़ता है। नहर के तटबंध की सड़क अत्यंत जर्जर है। इस वजह से गांव के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच करने के लिए भी कोई अधिकारी नहीं आते हैं।

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इनकी भी सुनिए

नहर पर एक पुल का निर्माण हो जाता तो गांव के विकास का द्वार खुल जाता। इस गांव का अन्य गांवों से संपर्क स्थापित हो जाता।

विनय कुमार मिश्र, किसान

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पंचायत स्तर से जो भी विकास कार्य संभव है, वह इस गांव में हुआ है और हो भी रहा है। लेकिन इस गांव पर विधायक एवं सांसद को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

सुनील प्रसाद, वार्ड सदस्य

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वार्ड सदस्य के नेतृत्व में इस गांव में नल-जल योजना का कार्य चल रहा है। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ यहां के लोगों को भी मिलेगा।

दीपक प्रसाद, ग्रामीण

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जनप्रतिनिधियों को जनता की आवश्यकता सिर्फ वोट के लिए है। वोट खत्म होने के बाद कोई सुनने के लिए नहीं तैयार है। सड़क की समस्या गंभीर है।

अमर शर्मा, ग्रामीण इनसेट बयान :

सरकार की जो भी योजना पंचायत स्तर पर आती है। उसका समुचित विभाजन किया जाता है। सभी गांवों के विकास की योजना बनी है, जिसपर काम हो रहा है।

अनवर आलम, मुखिया, बहुअरवा


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