एक सप्ताह से एंबुलेंस सेवा ठप, मरीजों की बढ़ी परेशानी
बगहा। हरनाटांड़ थरुहट व आदिवासी बाहुल्य हरनाटांड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दशा दिनों दिन खराब होती जा रही है।
बगहा। हरनाटांड़, थरुहट व आदिवासी बाहुल्य हरनाटांड़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दशा दिनों दिन खराब होती जा रही है। लाखों की आबादी वाले इस क्षेत्र के एकमात्र पीएचसी की एंबुलेंस सेवा विगत एक सप्ताह से बंद है। इससे मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है। ऐसा नहीं है कि इस प्रकार की समस्या पहली बार सामने आई हो, पूर्व में भी इस तरह की समस्या उत्पन्न होती रही है। आए दिन एंबुलेंस खराब होने की समस्या से परेशानी होती है। मरीजों व उनके परिजनों का कहना है कि एंबुलेंस खराब रहने के कारण प्रसव को आई महिलाओं को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। अस्पताल प्रशासन के उदासीन रवैये से ऐसी स्थिति बनी हुई है। खराब एंबुलेंस को ठीक कराने में अस्पताल प्रबंधन ध्यान नहीं दे रहा है।
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तबीयत बिगड़ने पर भगवान ही मालिक :-
सेमरा मेडरौल निवासी बिकेश गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार की रात मेरी गर्भवती पत्नी की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद एंबुलेंस के बारे में पूछा गया तो पता चला कि बीते एक सप्ताह से सेवा बाधित है। आनन-फानन में गर्भवती महिला को टेम्पो से लेकर अस्पताल में पहुंचाया गया। मेडरौल की किरण देवी के परिजनों ने बताया कि कल रात वह प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। जब एंबुलेंस के लिए पता किया तो पता चला कि बीते एक सप्ताह से एंबुलेंस खराब पड़ी है। जिसकी वजह से बड़ी परेशानी के बाद निजी वाहन से प्रसूता को पीएचसी लाया गया। जबकि जरार की आशा देवी के परिजनों का भी कुछ यहीं कहना था कि एंबुलेंस खराब होने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इधर गंभीर रूप से बीमार मरीज को बेहतर चिकित्सा के लिए बाहर रेफर किए जाने की स्थिति में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दुर्घटना में जख्मी हुए मरीज को अनुमंडलीय अस्पताल रेफर करने बाद एंबुलेंस या अन्य गाड़ी के लिए काफी परेशान होना पड़ता है।
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पीएचसी प्रभारी ने जताई अनभिज्ञता :-
एंबुलेंस सेवा एनजीओ के माध्यम से संचालित हो रही है, तब से ऐसी समस्या सामने आ रही है। वहीं दूसरी ओर पीएचसी प्रबंधन भी इसमें कोई खास रुचि नहीं दिखा रहा। यहां तक कि पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश सिंह नीरज को ये भी पता नहीं कि पीएचसी में सेवा बाधित है। भले ही मरीज परेशान हो, लेकिन पीएचसी प्रबंधन का इससे कोई वास्ता ही नहीं। यहां तक की पीएचसी में कोई भी पदाधिकारी मौजूद नहीं रहते। यहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, लिपिक और लेखपाल से लेकर चिकित्सक तक आय दिन गायब रहते हैं। जिससे मरीजों व लाभुकों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। यहां आज भी जन्म प्रमाणपत्र के लिए लाभुकों प्रतिदिन पीएचसी का चक्कर लगाना पड़ता है।
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बयान :-
एंबुलेंस सेवा को चालू करने का निर्देश दिया गया है। शीघ्र ही अस्पताल की जांच होगी।
विजय प्रकाश मीणा, एसडीएम