क्षारीय हुई जिले की मिट्टी
बेतिया। जिले के अधिकांश क्षेत्र की मिट्टी क्षारीय हो गई है। मृदा स्वास्थ्य जांच से हाल में मिली रिपोर्ट यह यह बात सामने आई है।
बेतिया। जिले के अधिकांश क्षेत्र की मिट्टी क्षारीय हो गई है। मृदा स्वास्थ्य जांच से हाल में मिली रिपोर्ट यह यह बात सामने आई है। जिले में कराए जा रहे मृदा जांच में अब तक 822 मिट्टी के नमूनों के परिणाम मिले हैं। इसमें अधिकांश मिट़्टी के नमूने क्षारीय पाए गए हैं। मृदा रसायन के सहायक निदेशक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि अभी कई जगहों से मिट्टी जांच के मृदा स्वास्थ्य कार्ड आने बाकी हैं, लेकिन जितने मृदा स्वास्थ्य कार्ड आए हैं, उनके अधिकांश परिणाम क्षारीय मिले हैं। उन्होंने बताया कि मृदा क्षारीय गुण का पाया जाना इस बात को प्रमाणित करता है कि उसमें अधिक मात्रा में डीएपी खादों का उपयोग किया गया है। यह फसलों की खेती के लिए अनुकूल नहीं है। किसानों को इससे सावधान रहने की जरूरत है और उन्हें निर्धारित मात्रा में ही उर्वरकों के उपयोग करना चाहिए। इधर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के इस परिणाम को देखते हुए जिला कृषि पदाधिकारी विजय प्रकाश ने किसानों को सावधान किया है। उन्होंने मृदा में इस गुण को घटाने के लिए ढ़ैचा या मूंग की खेती अगले खरीफ मौसम से पहले करने की सलाह दी है। इन दोनों फसलों के कार्बनिक अवशेष मिट्टी को उदासीन बनाने में सक्षम होता है। इससे मृदा पर पड़े प्रतिकूल असर समाप्त हो जाता है।
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अधिकांश मृदा स्वास्थ्य कार्ड के पीएच 7.5 निकले
विभिन्न प्रखंडों से जो मृदा स्वास्थ्य कार्ड के परिणाम निकले हैं, उनमें पीएच के मान 7.5 पाए गए हैं। जबकि फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए मृदा पीएच को 7 के आसपास होना चाहिए। इससे नीचे एवं उसके ऊपर पीएच मान वाले मृदा फसलों की खेती के लिए बेहतर नहीं मानी जाती है।
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किसान जागरूकता पर राजस्व गांवों में 23 को लगेगा कृषि मेला
मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिले परिणाम के आधार पर प्रत्येक प्रखंड के चयनित राजस्व गांव में 23 दिसम्बर को किसान मेला का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिले परिणाम के आधार पर किसानों को उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी जाएगी। मृदा रसायन के सहायक निदेशक श्री सिंह ने बताया कि संबंधित चयनित किसान को उनके खेत में फसल प्रत्यक्षण में खरीद किए गए उर्वरक के लिए 1 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह प्रोत्साहन राशि किसानों को एक एकड़ पर दिया जाएगा। जिसका अधिकतम भुगतान 2.5 हजार रुपये, जो 1 हेक्टेयर के लिए होगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अन्तर्गत किसानों को यह लाभ पहली बार दिया जा रहा है। किसानों के द्वारा प्रत्यक्षण में बेहतर परिणाम मिलने के बाद इस योजना को नियमित कर दिया जाएगा। राशि का भुगतान डीबीटी के माध्यम उनके खाते में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड के एक-एक राजस्व गांव का चयन किया गया है। जहां के किसानों के द्वारा मृदा की जांच कराई गई थी और उनके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्गत किए जा रहे हैं।