पिता की प्रेरणा से छोड़ी एम्स की नौकरी, अब गरीबों का करेंगे इलाज
बगहा। मंगलवार को भैरोगंज एपीएचसी में एक एमबीबीएस चिकित्सक ने योगदान किया। इस अस्पताल में हर रोज दर्जनों मरीज इलाज के लिए आते हैं।
बगहा। मंगलवार को भैरोगंज एपीएचसी में एक एमबीबीएस चिकित्सक ने योगदान किया। इस अस्पताल में हर रोज दर्जनों मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन दक्ष चिकित्सक नहीं होने के कारण अधिकांश मरीजों को अनुमंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया जाता था। चिकित्सक के योगदान के बाद मरीजों को रेफर करने की मजबूरी नहीं रहेगी। बगहा एक पीएचसी प्रभारी डा. एस. एन. महतो ने बताया कि अब क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी। इलाज के साथ साथ सुरक्षित प्रसव में भी सुविधा होगी। चिकित्सक धीरेंद्र कुमार ने योगदान के बाद बताया कि रोते हुए आने वाले मरीजों को हंसते हुए विदा करना ही मेरे जीवन का उद्देश्य है। शिक्षक पिता के आग्रह पर छोड़ी एम्स की नौकरी :-
डा. धीरेंद्र कुमार ने बताया कि डिग्री मिलने के बाद वर्ष 2013 में उन्होंने एम्स में सेवा देनी शुरू की। इस दौरान जब भी घर आते, शिक्षक पिता वीरेंद्र प्रसाद यादव के कहने पर गरीबों का निश्शुल्क इलाज करते थे। क्षेत्र में गरीबों के लिए उचित इलाज की व्यवस्था नहीं देख कर वे काफी आहत थे। एक दिन पिता ने कहा कि मैंने जीवन भर समाज को शिक्षित बनाने की प्रयास किया है। तुम चिकित्सक हो, तुम्हें भी गांवों में रहकर गरीबों की सेवा करनी चाहिए। पिता की बात मानकर डा. कुमार ने एम्स की नौकरी छोड़ दी और अब उन्होंने एपीएचसी भैरोगंज में योगदान किया है। स्थानीय पूंर्व मुखिया महेश्वर ¨सह, राजू ¨सह, पूर्व मुखिया बसंत ¨सह, मुन्ना ¨सह,जावेद आलम, आदि ने उनके निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।