अस्पताल में प्रसव के बाद एएनएम उगाही के लिए मजबूर करती हैं .
गुरुवार को आशा संघ का एक शिष्टमंडल पीएचसी में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए पीएचसी प्रभारी से मिला। आरोप लगाया कि यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के परिजनों से एएनएम द्वारा नार कटाई के नाम पर जबरन पांच सौ रुपये की वसूली की जाती है।
बगहा । गुरुवार को आशा संघ का एक शिष्टमंडल पीएचसी में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए पीएचसी प्रभारी से मिला। आरोप लगाया कि यहां प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं के परिजनों से एएनएम द्वारा नार कटाई के नाम पर जबरन पांच सौ रुपये की वसूली की जाती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हरनाटांड़ पर जननी सुरक्षा योजना में जमकर गड़बड़ी की जा रही है। यहां सुरक्षित डिलीवरी के नाम पर वसूली करने के साथ मरीजों का आर्थिक शोषण चरम पर है। शिकायत करने पर उनके द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है। निश्शुल्क मिलने वाली सुविधाओं पर खुलेआम वसूली का खेल खेला जा रहा है। इस दौरान मौजूद दर्जनों आशा ने बताया कि यहां प्रसव के दौरान दवा के लिए और ग्लब्स के नाम पर पैसा लिया जाता है। वहीं नार कटाई के नाम पर पांच सौ रुपये तो 30 से 50 रुपये ऑफिस और डॉक्टर के नाम पर लिए जाते हैं। कहा कि इसके लिए बकायदा रेट तय किया गया है। रुपये नहीं देने पर मरीजों को प्रताड़ित किया जाता है। यहां बता दें कि पीएचसी में किसी महिला के प्रसव में थोड़ी से भी तकलीफ होती है तो उसे तुरंत हरनाटांड़ के निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। यहां इनके प्रसव के लिए अगल बकायदा रेट तय किया गया है। जो एएनएम मरीजों को भेजती है उसे सामान्य प्रसव के लिए पांच सौ से एक हजार रुपये, ऑपरेशन कर प्रसव कराने पर तीन हजार से पांच हजार, बाहर की दवा से हजार रुपये, अल्ट्रासाउंड के नाम पर दो सौ से ढाई सौ रुपये व खून जांच के लिए तीस से पचास रुपये की तक की वसूली की जाती है। यहीं कारण है कि अब मरीज सरकारी अस्पताल में आने से कतराने लगे हैं। आशा की शिकायत सुनने के बाद पीएचसी प्रभारी डॉ. राजेश सिंह नीरज का कहना है कि इस बाबत कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। हालांकि इस संबंध में जांच कराई जा रही है दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।