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पराली को खेतों में नहीं जलाने की दी गई सलाह

बगहा। चंदरपुर रतवल पंचायत के गद्दिआनी टोला में मंगलवार को किसान चौपाल का लगाया गया। जहां किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में जानकारी दी गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 12:28 AM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 12:28 AM (IST)
पराली को खेतों में नहीं जलाने की दी गई सलाह
पराली को खेतों में नहीं जलाने की दी गई सलाह

बगहा। चंदरपुर रतवल पंचायत के गद्दिआनी टोला में मंगलवार को किसान चौपाल का लगाया गया। जहां किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन सरपंच सह बगहा अनुमंडल के सरपंच संघ के अध्यक्ष जगरनाथ यादव, वार्ड सदस्य करामात गद्दी व तहुअर अंसारी, किसान सलाहकार नरेंद्र मणि मिश्र व वशिष्ठ कुशवाहा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की। प्रारंभ में सरपंच ने कहा कि क्षेत्र के करीब 60 फीसदी लोगों की मुख्य जीविका कृषि ही है। मुख्य फसल गन्ना, गेहूं , धान, मसूर, सरसों व मक्का है।जिसमें सबसे अधिक गन्ना उपजाया जाता है। जो एक मात्र नकदी फसल भी है। जानकारी के बिना किसानों को लागत बढ़ती जा रही है। परंतु, उसकी तुलना में पैदावार नहीं बढ़ रही है। किसान सलाहकार नरेंद्र मणि मिश्र व वशिष्ठ कुशवाहा ने खेती के लिए आधुनिक तकनीक बताए। जिससे कम लागत में अच्छी पैदावार हासिल हो सके। मौजूदा पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए पराली को खेत में नहीं जलाने की नसीहत दी। बताया कि पराली जलाने से कई प्रकार के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। साथ ही मिट्टी की सतह में छिपे कई पोषक जीवाणु भी मर जाते हैं। जिसके कारण किसानों की पैदावार कम हो जाती है। पराली के प्रबंधन के कई नुस्खे बताए गए। गेहूं की खेती जीरो टिलेज से करने पर किसानों की लागत काफी कम हो जाती है। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की व्यापक जानकारी दी। कहा कि प्रत्येक किसान निश्चित रूप से अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। तभी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। अंत में गन्ना, सरसों, गेंहू, मसूर, धान आदि फसलों से संबंधित किसानों के विभिन्न सवालों के जवाब दिया। मौके पर किसान इसरायल गद्दी, शिवनाथ गद्दी, लाल पहाड़ी भगत, भरत साह, श्रीकांत मिश्र, जटा यादव, सहायक तकनीकी प्रबंधक संजीव कुमार अदि उपस्थित थे।

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