खेत में पहुंचा जंगली बंदरों का समूह, कई एकड़ फसल नष्ट
बगहा। वीटीआर के जंगल से निकलकर सैकड़ों बंदरों का समूह गांव और सरेहों के खेतों में लगे फसलों को नष्ट कर रहे हैं। बंदरों के आतंक से किसान परेशान हैं।
बगहा। वीटीआर के जंगल से निकलकर सैकड़ों बंदरों का समूह गांव और सरेहों के खेतों में लगे फसलों को नष्ट कर रहे हैं। बंदरों के आतंक से किसान परेशान हैं। किसानो के खेतों मे लगे फसलों को ये जंगली बंदर नष्ट कर रहे हैं। बंदरों के समूह ने बीते एक महीने में 50 हेक्टेयर से अधिक फसल को नष्ट कर दिया है। किसान बेचन कुशवाहा, सिकंदर मुखिया, महेश मुखिया, प्रकाश पटेल आदि ने किसानों ने बताया कि सैकड़ों बंदरों का समूह प्रतिदिन वाल्मीकिनगर, सिरिसिया, नौरंगिया, रामपुर, मलाही टोला, गोबरहिया आदि सरेहों में सुबह से शाम तक डेरा डालकर गेहूं, केला, दलहन व गन्ने की फसलों को नुकसान कर रहे हैं। लेकिन वन विभाग कि ओर से इन बंदरों को भगाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। नतीजा है कि सैकड़ों बंदरों का समूह जंगल से निकलकर इन गांव और सरेहों के खेतों में अपना अधिवास बना लिये हैं। बेबस किसान लोगों का कहना है कि उधार और कर्ज लेकर फसल लगाया है। लेकिन इन बंदरों के आतंक से किसान परेशान हो गये हैं। इस संबंध में वन प्रमंडल दो के डीएफओ गौरव ओझा ने बताया कि गांव सरेह और जंगल का खुला क्षेत्र होने के चलते बंदर या कोई भी जानवर गांव और सरेहों की ओर पहुंच गये हैं और जाते है। कहा कि नुकसान पर मुआवजा देने का प्रावधान है।