दो वर्षो में एड्स के 49 मरीज, पांच महिलाएं
बगहा। ¨जदगी में एक चूक होने के बाद पूरा जीवन इंसान का बर्बाद हो जाता है। परिवार भी एड्स रोग की चपेट में आ जाता है।
बगहा। ¨जदगी में एक चूक होने के बाद पूरा जीवन इंसान का बर्बाद हो जाता है। परिवार भी एड्स रोग की चपेट में आ जाता है। समाज के लोग भी अच्छी नजरों से नहीं देखते है। अधिकांश इस रोग के शिकार महानगरों में जाकर काम करने वाले लोग होते है। इसका प्रमाण बगहा एक प्रखंड का एक दलित बस्ती में दर्जनों लोग इस रोग से पीडित हो गए है। यहां लोग अब शादी तक नहीं करना चाहते है। हालांकि बात उजागर होने पर बस्ती के लोगों के बीच शिविर लगा कर जागरूक किया गया है। सभी को असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाने की ¨बदुवार जानकारी दी जा चुकी है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देख कर सरकार ने इसकी जांच, परामर्श सहित दवा आदि की व्यवस्था भी निश्शुल्क किया है।
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जांच और परामर्श की व्यवस्था
अनुमंडली अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार विभाग कल्याण विभाग द्वारा दो कर्मियों को पदस्थापित किया गया है। इसमें परामर्शी के पद पर रमेश रंजन उर्फ ¨सटू ¨सह, व तकनीशिएन शिवशरण प्रसाद ने बताया कि यहां जांच के साथ साथ परामर्श देने की व्यवस्था ही उपलब्ध है। जांच में रोग के लक्षण उजागर होने के बाद दोबारा जांच के लिए सदर अस्पताल बेतिया भेजा जाता है। बेतिया में एआटी केंद्र में सीडी 4 जांच किया जाता है। जांच के उपरांत रोग ग्रस्त के रोग को देखते हुए एआटी की दवा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाती है। बताते है कि वर्ष 2017 में कुल 4000 लोगों की जांच की गई थी। इसमें 33 लोग रोग ग्रस्त पाए गए। वर्ष 2018 जनवरी से अब तक 3000 लोगों की जांच की गई है। जांच में अब तक 16 मरीज रोग ग्रस्त पाए गए है। इसमें एक गर्भवती महिला सहित चार महिलाएं शामिल है। एक दर्जन पुरूषों भी शामिल है। रोग से बचाव के लिए सभी को जागरूक करने का काम लगातार जारी है। बयान :
अस्पताल में जांच और परामर्श की व्यवस्था है। लोगों को जागरूक भी किया जाता है। जांच के उपरांत रोग की चपेट में आए मरीज को एआरटी बेतिया भेज दिया जाता है। वहां दोबारा जांच के उपरांत निश्शुल्क दवा उपलब्ध कराया जाता है।
डॉ. एस.पी.अग्रवाल, उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल बगहा