सोनपुर में रेलवे का नाला जाम रहने से हो रही परेशानी
बारिश के बाद भीषण जलजमाव के कारणों में एक बहुत बड़ा कारण लगभग एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी में बने रेलवे का जाम नाला है। नगर पंचायत प्रशासन ने मानसून के पहले ही रेलवे के इंजीनियरिग विभाग को इसकी उड़ाही के लिये पत्र लिखा था। किन्तु नाले की तरह वह पत्र भी कहीं जाम हो गया।
संवाद सहयोगी, सोनपुर : बारिश के बाद भीषण जलजमाव के कारणों में एक बहुत बड़ा कारण लगभग एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी में बने रेलवे का जाम नाला है। नगर पंचायत प्रशासन ने मानसून के पहले ही रेलवे के इंजीनियरिग विभाग को इसकी उड़ाही के लिये पत्र लिखा था। किन्तु नाले की तरह वह पत्र भी कहीं जाम हो गया।
यह नाला गोल बंगला के समीप से रेलवे लाइन के बगल से गुजरते हुए गंडक किनारे तक गया है। रेलवे ने इस नाले का निर्माण लगभग 5 वर्ष पूर्व इसी उद्देश्य से कराया था कि रेल क्षेत्र के अलावा मेला ग्राउंड के पानी की भी निकासी होगी। पहले वर्ष के बाद नाला जाम होता गया। आज भी डीआरएम कार्यालय जाने वाले रास्ते में गोल बंगला के समीप जलजमाव होता है।
वहां के लोगों का कहना है वर्ष 1985 में भी इस सड़क पर भीषण रूप से जलजमाव हो जाता था और आज 35 वर्षों बाद भी वही पुरानी स्थिति है। दूसरी ओर नगर पंचायत प्रशासन ने रेलवे को पत्र लिखा है। इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि पत्र के आलोक में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका परिणाम यह हुआ कि रेल क्षेत्र समेत मेला ग्राउंड में भी जलजमाव हुआ और यह गाय बाजार तथा घोड़ा बाजार के अलावा नखास एरिया को भी प्रभावित कर रहा है। दूसरी ओर हल्की बारिश में भी डीआरएम आवास के सामने से लेकर केंद्रीय विद्यालय तथा पीआर कॉलेज से लेकर डीआरएम मुख्यालय परिसर में भी जलजमाव हो जाता है पिछले वर्ष तो इसमें लगभग दो फीट पानी लग गया था। वैसे ही गोल बंगला के समीप के गड्ढे में जमा पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर पसर जाता है।
आश्चर्य है इधर से ही होकर रेलवे के डीआरएम सहित रेलवे के सभी अधिकारियों का आगमन होता है कितु उन्हें इसका अहसास नहीं। यहां के वासियों का कहना है कि रेलवे अगर अपने नाले की उड़ाही करा दे तो बहुत हद तक जलजमाव की समस्या से निजात मिल जाएगा।