Move to Jagran APP

नागपुर से कम नहीं ये बिहारी संतरे, सीएम नीतीश भी कर चुके सराहना, जानिए

वैशाली जिले के किसान ब्रजमोहन शर्मा अपने खेत में संतरे की खेती कर रहे हैं, जिसकी लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। उनकी खेत के संतरे नागपुर के संतरों से कमतर नहीं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 10:50 AM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 11:56 PM (IST)
नागपुर से कम नहीं ये बिहारी संतरे, सीएम नीतीश भी कर चुके सराहना, जानिए
नागपुर से कम नहीं ये बिहारी संतरे, सीएम नीतीश भी कर चुके सराहना, जानिए

वैशाली [जेएनएन]। नागपुर के संतरों की बात ही और है, लेकिन बिहार के वैशाली जिले में भी इसके उत्पादन की संभावना तलाश्साी जा रही है। संतरे की खेती के लिए यहां की मिट्टी को भी मुफीद माना जा रहा है। यहां सदर प्रखंड के अंधरवाड़ा गांव में किसान ब्रजमोहन शर्मा ने संतरे की फसल लगाकर यह साबित भी कर दिखाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी यहां उत्पादित संतरे की सराहना कर चुके हैं। 

loksabha election banner

2011 में प्रयोग के तौर पर शुरू की थी खेती

किसान ब्रजमोहन शर्मा बताते हैं कि वर्ष 2011-12 में हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए तत्कालीन कृषि मंत्री को उन्होंने संतरे की खेती की जानकारी दी थी। उनके निर्देश पर उद्यान पदाधिकारी ने संतरे का आठ पौधे उपलब्ध कराए थे।

उन पौधों को उन्होंने अपने आवासीय परिसर में दस फीट की दूरी पर लगाया। वर्ष 2016 में संतरे के पौधों में फल आए। उस वक्त फल तैयार होने से पहले ही छठ पर्व के दौरान उसे भगवान भास्कर को अर्पित कर दिया। इस वर्ष दुबारा संतरे के पौधों में अच्छे फल आए हैं। 

संतरे के साथ हल्दी व ओल की भी खेती  

वे बताते हैं कि संतरे की फसल के साथ हल्दी व ओल की खेती की जा सकती है। संतरे की खेती को नीलगाय व अन्य पशु-पक्षी से भी कोई खतरा नहीं है। किसान श्री शर्मा बताते हैं कि पांच से सात साल के पौधे की उत्पादन क्षमता 75 से सौ किलो है यानि दो हजार से 25 सौ रुपये की आमदनी एक पौधे से तथा प्रति एकड़ इसकी खेती से 30-35 हजार रुपये की आय प्राप्त की जा सकती है। एक क_े की खेती पर लगभग दो हजार रुपये का खर्च आता है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके संतरे की सराहना कर चुके हैं। उनके निर्देश पर होर्टिकल्चर बिहार के निदेशक अरङ्क्षवद कुमार ङ्क्षसह, जिला उद्यान पदाधिकारी विनोद कुमार पोद्दार, कृषि विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार उनके संतरे का निरीक्षण कर चुके हैं।

उनलोगों ने भी वैशाली की धरती को संतरे की खेती के लिए मुफीद बताया है। साथ ही यहां के किसानों को संतरे के और पौधे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। वे मानते हैं कि यहां इसकी खेती कर अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.