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घर लौटे प्रवासियों को दी जा रही ट्रेनिग

सहदेई बुजुर्ग कोरोना संकट काल में विपत्तियों का सामना कर घर लौटने वाले प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने जीविका के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। जीविका द्वारा एक व्यापक कार्य योजना बनाई गयी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 06:12 AM (IST)
घर लौटे प्रवासियों को दी जा रही ट्रेनिग
घर लौटे प्रवासियों को दी जा रही ट्रेनिग

सहदेई बुजुर्ग : कोरोना संकट काल में विपत्तियों का सामना कर घर लौटने वाले प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने जीविका के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। जीविका द्वारा एक व्यापक कार्य योजना बनाई गयी है।

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सूरत, दिल्ली एवं पुणे से आने वाले प्रवासियों को चुने हुए कार्य में मुफ्त प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाने की योजना है। प्रवासी महिलाओं को जीवका द्वारा मास्क, खिलौना आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वही पुरुषों को अगरबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सहदेई बुजुर्ग प्रखंड में अभी तक 12 प्रवासी महिलाओं को मास्क एवं खिलौना आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं 10 पुरुषों को अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। जीविका की योजना है कि ऐसे सभी प्रवासी जो प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का रोजगार स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें प्रशिक्षित किया जाए। इसके लिए पंचायत स्तर पर ऐसे प्रवासियों की पहचान भी की जा रही है। जीविका की योजना है कि जो भी प्रवासी प्रशिक्षण के बाद भी लगातार जीविका से जुड़े रहेंगे उन्हें बैंकों के माध्यम से वित्तीय मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी। उद्देश्य है कि प्रवासियों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार देकर स्वावलंबी बनाया जाए। इन लोगों के द्वारा बनाए गए सामान की बिक्री के लिए भी जीविका अपने विक्रय केंद्र स्थापित करेगी।

प्रवासियों को प्रशिक्षण देने का यह कार्यक्रम जीविका के डीपीएम उज्जवल कुमार एवं बीपीएम नवीन रणवीर गौतम के निर्देशन में चलाया जा रहा है। प्रवासियों को मास्टर ट्रेनर पूनम देवी, सुशीला देवी, अनीता देवी के द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। पंचायतों में कोआर्डिनेशन के लिए एमआरपी एचएनएस शमशेर अली खान कार्य कर रहे हैं।

जीविका पहले से महिलाओं के स्वावलंबन के लिए कर रही काम जीविका पहले से ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से काम कर रही है। जीविका स्वयं सहायत समूह एवं ग्राम महिला संगठन के माध्यम से महिलाओं को जोड़कर उन्हें बैंकों से वित्तीय मदद उपलब्ध कराकर रोजगार के साधन देने का कार्य किया जा रहा है। प्रखंड में अभी जीविका के माध्यम से 1154 स्वयं सहायता समूह चल रहे हैं। जबकि 90 जीविका ग्राम महिला संगठन कार्यरत हैं। प्रखंड में अभी खिलौना बनाने में 35, मधुमक्खीपालन में 70, मास्क बनाने में 60 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा मशरूम उत्पादन में भी महिलाएं जुड़ी हुई हैं।


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