दूल्हे की पहली पसंद सोनपुर मेले की तलवार
वैशाली। दूल्हे की तलवार के लिए हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला की एक अलग पहचान है। दूल्हे की त
वैशाली। दूल्हे की तलवार के लिए हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला की एक अलग पहचान है। दूल्हे की तलवार के लिए मेला काफी प्रसिद्ध है। मेला में लगभग दो दर्जन से अधिक तलवार की दुकान सजी हुई है। यहां तलवार अलग-अलग वेराइटी में उपलब्ध है। मेला में तलवार साधारण 200 से 250 रुपये तक उपलब्ध है। लेकिन दूल्हे की तलवार 500 रुपये से शुरू होकर 2000 रुपये तक उपलब्ध है। दूल्हे की तलवार की बात ही अलग है। तलवार के म्यान पर किया गया डिजाइन काशीदाकारी एवं नक्कासी की बात ही कुछ और है। इसकी सूबसूरती देखते ही बनती है। इसकी रंग-बिरंगे चमक से आंखें चौंधिया जा रही है।
तलवार के दुकानदार ललन तिवारी कहते हैं कि सोनपुर मेला में तलवार के खरीददार वे लोग ही होता हैजो इसके शौकीन है तथा इसे अपने ड्राइंग रूम में सजाकर रखते हैं। वहीं इसके सबसे बड़े खरीददार वे लोग हैं जिनके घर में शादी होने वाली है। वे दूल्हे के लिए मुंहमागी कीमत पर भी तलवार खरीदते हैं। इसके खरीददार ऊंचे कीमत की तलवार ही पसंद करते हैं। शादी में डिमांड के हिसाब से ही यहां एक से बढ़कर एक तलवार उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि तलवार की दाम निर्धारित होती है। इसका कोई फिक्सड रेट नहीं है डिमांड के हिसाब से दाम घटता-बढ़ता है। दूल्हे की तलवार के खरीददार पूरे उत्तर बिहार से यहां पहुंचते हैं। खरीदारों में व्यवसायी भी होते हैं जो यहां से तलवार खरीदकर ले जाते हैं तथा अपनी दुकानों में बेचते हैं। तलवार व्यवसायी श्री तिवारी ने बताया कि इस वर्ष मेले के दुकानदारों का संयोग अच्छा रहा कि इस बार लगन काफी ज्यादा है। लगन काफी रहने के कारण इस बार दुकानदारों को तलवार कम पड़ गया। सभी की तलवारें लगभग समाप्त हो चुकी है जबकि मेला की अवधि 15 दिन शेष हैं। शादी में दूल्हे राजा के तलवार लेकर चलने वाली परंपरा में पुन: तेजी आयी है जिसके कारण तलवार का व्यवसाय काफी बढ़ गया है। नेताओं को पगड़ी एवं तलवार भेंट करने की परंपरा ने भी जोर पकड़ा है। इन्हीं वजहों से कम हो चुकी तलवार के व्यवसाय ने जोर पकड़ लिया है। इस बार इसके व्यवसायियों की चांदी कट रही है।