सोनपुर मेले की चमक अभी भी बरकरार
- समापन के बाद भी बड़ी संख्या में आ रहे लोग - डिमांड की वजह से गुलजार है मेले का बकरी
वैषाली। सोनपुर मेला का आधिकारिक समापन हुए पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन मेले की भीड़ में कोई अंतर नहीं आई है। मेले का बकरी बाजार अभी भी राजस्थानी बकरियों से गुलजार है। बकरी की बिक्री देखते हुए व्यापारियों ने बीते गुरुवार को इसकी दूसरी खेप मंगवाई है। बकरी बाजार अब फैल कर यहां के गाय बाजार के एरिया तक पहुंच गया है। बकरियों की ग्राहकों में काफी डिमांड है। इसके व्यापारी मोहम्मद अजमेरी तथा मोहम्मद साबिर अली बताते हैं सिरोही यमुना, पहाड़ी, तोतापरी कथा, नागफनी, अजमेरी एवं अश्वरी आदि नश्ल की दुधारू बकरियों की डिमांड काफी ज्यादा है। नागफनी नस्ल की बकरी का कान दिखने में बिल्कुल नाग के फन सा प्रतीत होता है। इसलिए इसका नाम नागफनी रखा गया है। अनेक प्रकार की नस्ल में मौजूद इन बकरियों में एक से चार लीटर तक दूध देने वाली बकरियां भी है। इस वर्ष अप्रत्याशित रूप से इन बकरियों की बिक्री हो रही है।
दूसरी ओर मेले से भले सरकारी व गैर सरकारी प्रदर्शनियां समाप्त हो गई लेकिन उनकी जगह विभिन्न प्रकार की दुकानों से मेले की रौनक अभी भी बनी हुई है। सबसे ज्यादा सेल गर्म कपड़ों का हो रहा है। कश्मीर से लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा ,पंजाब, लुधियाना एवं हरिद्वार आदि से आए कारोबारी यहां अपनी दुकानें सजाए हुए हैं। अब मेले में जो भी लोग आ रहे हैं कुछ खरीदने के उद्देश्य से ही आ रहे हैं। इधर लकड़ी और लोहा बाजार भी जमा हुआ है। नर्सरी का व्यापक बाजार भी जस का तस है। लकड़ी बाजार के समीप पापड़ी वालों की कतारबद्ध दुकानें हैं। कभी इसे मियां मिठाई कहा जाता था। अब भी मेले में इस मिठाई का क्रेज बरकरार है।