सोनपुर मेला: ग्राहकों को खूब भा रही कश्मीरी ¨चगु
संवाद सहयोगी, सोनपुर : ऊनी कारोबारियों के लिए हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला व्यापार का ब
संवाद सहयोगी, सोनपुर : ऊनी कारोबारियों के लिए हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र है। देश के विभिन्न शहरों में मिलों में उत्पादित तथा हस्तकरघा व लघु उद्योगों से निर्मित ये ऊनी वस्त्र मेला घूमने आए अमीर से लेकर गरीब तक की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। यहां जम्मू कश्मीर, लुधियाना, हरिद्वार, कानपुर, सहारनपुर, मेरठ व हरियाणा आदि जगहों से आए दुकानदारों की अनेक ऐसी दुकानें हैं जिनकी चार पीढि़यों से यहां आ रही हैं। कभी भेड़ के ऊन से बने तथा हरिद्वारी कंबल से शुरू हुआ यह कारोबार आज ब्रांडेड ऊनी वस्त्रों तक पहुंच गया है। इन्हीं में एक है सहारनपुर से वस्त्रों की दुकान लेकर आए राकेश कुमार।
वैसे तो उनकी दुकान में उलेन शॉल, चादर, बेडशीट, कंबल तथा बंडी, जयपुरिया रजाई तक उपलब्ध है। किन्तु इस बार वे ग्राहकों की पसंद पर कश्मीरी ¨चगु लेकर आए हैं। इसे एसी ब्लैंकेट भी कहते हैं। ठंड के मौसम में अत्यधिक ठंड को भी इसमें सहने की क्षमता है। कीमत ऐसी कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी आराम से इसे खरीद सकते हैं। वे बताते हैं कि इसकी खूब बिक्री हो रही है। यह मेला घूमने आए लोगों के लिए पसंद की वस्तु बना हुआ है। अनेक साइज और आकर्षक डिजाइन में यहां यह कश्मीरी ¨चगु उपलब्ध है।
दूसरी और ठंड का प्रकोप बढने से ही यहां ऊनी मार्केट में ग्राहकों की भीड़ भी बढ़ गई है। लोग अपनी क्षमता अनुसार शॉल से लेकर स्वेटर और कंबल तक की खरीदारी कर रहे हैं। यह मेला ऊन से बनी वस्तुओं की खपत का बहुत बड़ा बाजार है। मेले के अंत तक खपत का आलम यह होता है कि दुकानदारों को कई बार माल मंगवाना पड़ता है। लोगों में अभी यह धारणा है कि मेले की अंतिम अवधि में सामान सस्ता मिलता है।