पातेपुर में इलाज के दौरान महिला की मौत के बाद नर्सिंग होम में जमकर बवाल
वैशाली। पातेपुर बाजार स्थित एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो जाने क
वैशाली। पातेपुर बाजार स्थित एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो जाने के बाद महिला के स्वजनों ने जमकर बवाल काटा। महिला की मौत के लगभग 16 घंटे बाद स्वजनों को अस्पताल प्रबंधन से ढाई लाख रुपये मुआवजा राशि लेने के बाद नर्सिंग होम से शव को उठाया।
सूत्रों के अनुसार बुधवार की सुबह प्रखंड के सैदपुर डुमरा गांव निवासी पंकज कुमार की 22 वर्षीया पत्नी चंदा देवी को डिलेवरी पेन होने पर स्वजनों ने उसे लेकर पातेपुर बाजार स्थित चंचल सुमन अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में उपस्थित मुख्य चिकित्सक डा. सुप्रिया सुमन ने जांच के बाद स्वजनों को बताया कि मामला गंभीर है, जल्द से जल्द ऑपरेशन कराना होगा। इसके बाद स्वजनों से ऑपरेशन के लिए रुपये भी जमा करा लिए गए। बुधवार की सुबह ही ऑपरेशन से महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। सुबह से महिला की स्थिति सामान्य थी। स्वजनों के अनुसार शाम से महिला की हालत अचानक बिगड़ने लगी।
आरोप है कि हालात बिगड़ने पर अस्पताल कर्मियों ने महिला को हाजीपुर रेफर करने की बात कहते हुए एंबुलेंस से हाजीपुर भेज दिया। इस दौरान रास्ते में ही वाहन में पेट्रोल भरवाने के क्रम में ही महिला की मौत हो गई। परिजनों ने मृतक के शव को लाकर अस्पताल में रख दिया। महिला की मौत की खबर मिलते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। मृतक के स्वजन एवं ग्रामीणों की भारी भीड़ अस्पताल के सामने इकट्ठा हो गई। लोगो के आक्रोश को देखते हुए अस्पताल प्रबंधक ने घटना की जानकारी पातेपुर पुलिस को दी।
सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष रामशंकर कुमार मौके पर पहुंच गए।आक्रोशित की भारी भीड़ को देखते हुए तत्काल पुलिस बल को अस्पताल परिसर में तैनात कर दिया। आक्रोशित लोगों ने अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि डा. सुप्रिया सुमन के पति डॉ. गौरव कुमार पातेपुर पीएचसी में तैनात है। उन्हीं के माध्यम से पीएचसी डिलीवरी के लिए आई महिला मरीजों को आशा कर्मियों के माध्यम से अस्पताल में सुविधा उपलब्ध नही होने का हवाला देकर बहला-फुसला कर अपने निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा कर नार्मल डिलेवरी होने वाले मरीजों का भी ऑपरेशन कर मोटी रकम की उगाही की जाती है।
इस दौरान स्वजनों ने आरोप लगाया कि महिला की मौत नर्सिंग होम में होने के बाद कर्मियों ने इलाज के नाम पर हाजीपुर ले जाने का प्रयास कर रहे थे । पेट्रोल भरवाने के क्रम में नर्सिंग होम के कर्मी एंबुलेंस से उतर कर भाग निकले। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद एक बार भी मरीज को देखने डॉक्टर नही पहुंचे। डॉक्टर के लापरवाही के कारण ही महिला की मौत हुई है। महिला की मौत के बाद स्वजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर लगभग 16 घंटे तक शव को अस्पताल में छोड़ दिया। गुरुवार की सुबह स्थानीय प्रमुख पुत्र पंकज कुमार उर्फ चिकू राय, लेखा पहलवान, बरडीहा मुखिया पति शंभू राय, मनीष राय समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के आपसी समझौते से अस्पताल प्रबंधक से ढाई लाख रुपये बतौर मुआवजा मिलने के बाद ग्रामीणों ने शव को अस्पताल से उठाया। थानाध्यक्ष रामशंकर कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में किया गया। मृतक के परिजन एवं अस्पताल प्रबंधक के आपसी समझौते के बाद मामले को निपटा दिया गया है।