राघोपुर में नदी के किनारे के गांवों में चल रहीं दारू की भट्ठियां
वैशाली। पुलिस दावा करती है कि उसके इलाके में कहीं भी दारू भट्ठी संचालित नहीं हो रही है लेकिन पुलिस के इस दावे की पोल खोल रही है राघोपुर प्रखंड के परोहा गांव में नदी के किनारे संचालित देसी शराब की भट्ठी। कहते हैं कि झूठ के पांव नहीं होते। तस्वीर को देखकर पुलिस के दावे की हवा निकलती दिख रही है। राघोपुर प्रखंड के रुस्तमपुर ओपी क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे दियारा इलाके में देसी शराब कई भट्ठियों से धुआं निकलता देखा जा सकता है।
वैशाली। पुलिस दावा करती है कि उसके इलाके में कहीं भी दारू भट्ठी संचालित नहीं हो रही है लेकिन पुलिस के इस दावे की पोल खोल रही है राघोपुर प्रखंड के परोहा गांव में नदी के किनारे संचालित देसी शराब की भट्ठी। कहते हैं कि झूठ के पांव नहीं होते। तस्वीर को देखकर पुलिस के दावे की हवा निकलती दिख रही है। राघोपुर प्रखंड के रुस्तमपुर ओपी क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे दियारा इलाके में देसी शराब कई भट्ठियों से धुआं निकलता देखा जा सकता है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पुलिस के कनीय अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दिखाने के लिए कभी-कभी कार्रवाई ही करते हैं। यह कार्रवाई नियमित नहीं होने के कारण दियारा इलाके में पहले की तरह बड़ी संख्या में दाररू की भट्ठियां सुलग रही हैं जिनसे हजारों लीटर दारू तैयार की जा रही है और उन्हें नदी के रास्ते नाव से ठिकाने लगाया जा रहा है। बड़े पैमाने पर शराब की चुलाई हो रही है। शराब कारोबारियों के लिए राघोपुर दियारा सेफ जोन बना है।
प्रखंड के परोहा, पुरुषोत्तमपुर, जहांगीरपुर, शिवकुमारपुर, जफराबाद, कर्मोपुर आदि जगहों पर बिना किसी भय के शराब बनाई जा रही है। बनाने बेचने और पीने वाले यहां बेफिक्र होकर शराब बेचते एवं पीते हैं। स्थानीय लोग शराब तस्करों से परेशान हैं लेकिन वे पुलिस को सूचना देने से डरते हैं। कारण पूछने पर पता चला कि शराब तस्करों का नेटवर्क इतना ताकतवर है कि कोई डरर से मुंह नहीं खोलता। पुलिस को सूचना देने पर उसकी जान पर बन आ सकती है। इसी डर से स्थानीय ग्रामीण सूचना देने से कतराते हैं। प्रखंड में नदी किनारे के कई गांवों में शराब का कारोबार फल-फूल रहा है। प्रत्येक चौक-चौराहा पर गुमटी एवं झोपड़ी में देसी एवं विदेशी शराब की बिक्री हो रही है।