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72 फीसद गांवों तक पहुंचा नल-जल योजना का शुद्ध पानी : मंत्री

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि बिहार के 72 फीसद गांवों में नल-जल योजना का शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया गया है। राज्य सरकार की यह उपलब्धि महज चार साल के अंदर की है। इसके पहले वर्ष 2016 में केवल 1.8 फीसद गांवों में ही पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 10:31 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:13 AM (IST)
72 फीसद गांवों तक पहुंचा नल-जल योजना का शुद्ध पानी : मंत्री
72 फीसद गांवों तक पहुंचा नल-जल योजना का शुद्ध पानी : मंत्री

जागरण संवादादाता, हाजीपुर :

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लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि बिहार के 72 फीसद गांवों में नल-जल योजना का शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा दिया गया है। राज्य सरकार की यह उपलब्धि महज चार साल के अंदर की है। इसके पहले वर्ष 2016 में केवल 1.8 फीसद गांवों में ही पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महज चार साल के अंदर इस उपलब्धि की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की है। वहीं देश की ओर से बिहार के नल-जल योजना पर आधे घंटे की फिल्म 20-21 नवंबर को सउदी अरब के रियाद में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भेजी जा रही है, जिसे दुनिया भर के लोग देखेंगे। मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

मंत्री श्री झा ने हाजीपुर सर्किट हाउस में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि वह आज वैशाली जिले के चेचर में संचालित अतिमहत्वाकांक्षी बहुग्रामीण प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक के साथ स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 3976 वार्डों में 1124 में पीएचईडी और 2852 में ग्राम पंचायतों को काम करना है। इसमें पीएचईडी के जिम्मे वाले 811 वार्डो में जलापूर्ति शुरू हो गयी है, जबकि शेष बचे वार्डों में 15 अक्तूबर तक काम पूरा करा लेने का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि चेचर में वर्ष 2010 में योजना शुरू हुई थी, लेकिन कंपनी की गड़बड़ी से काम बाधित चल रहा था। अब फेज-टू में दूसरी कंपनी से काम शुरू कराया गया है। यहां आर्सेनिक प्रभावित 169 वार्डों में काम होगा। कुल 19 जलमीनार में से 7 को पूरा करा लिया गया है। शेष काम 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसमें तेजी के लिए अभियंताओं के साथ समीक्षा की जा रही है।

मंत्री ने एक सवाल के जबाव में स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायतों और पीएचईडी के कार्यों की लागत में अंतर पांच साल के रखरखाव राशि को लेकर है। क्योंकि रखरखाव मद में करीब 35 फीसद राशि की वृद्धि हो जाती है। प्रेस कांफ्रेंस के समय विधायक अवधेश सिंह, लघु उद्योग मंच प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार, जिला उपाध्यक्ष अविनाश चौधरी, किसान मोर्चा के चंद्रमोहन, युवा मोर्चा के प्रेम सिंह, मीडिया प्रभारी शुभम राज के अलावा पीएचईडी के मुख्य अभियंता सुरेश प्रसाद सिंह, अधीक्षण अभियंता मिथिलेश कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता रामचंद्र प्रसाद सिंह, सहायक अभियंता राहुल कुमार सहित अनेक कनीय अभियंता उपस्थित थे।


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