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नामांकन साढ़े पांच लाख, मिड डे मील खाते मात्र तीन लाख

जागरण संवाददाता, हाजीपुर : वैशाली जिले में 2064 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में 560396 बच्चे नामांकित हैं। इन बच्चों के लिए सरकार की ओर से मिड डे मील योजना भी चलाई जा रही है लेकिन सरकारी आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो मात्र 52.5 फीसद बच्चे ही स्कूल आते हैं जिन्हें मिड डे मील योजना का लाभ मिल रहा है। यानि लगभग 4

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 11:31 PM (IST)
नामांकन साढ़े पांच लाख, मिड डे मील खाते मात्र तीन लाख
नामांकन साढ़े पांच लाख, मिड डे मील खाते मात्र तीन लाख

वैशाली। वैशाली जिले में 2064 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में 560396 बच्चे नामांकित हैं। इन बच्चों के लिए सरकार की ओर से मिड डे मील योजना भी चलाई जा रही है, लेकिन सरकारी आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो मात्र 52.5 फीसद बच्चे ही स्कूल आते हैं जिन्हें मिड डे मील योजना का लाभ मिल रहा है। यानी लगभग 48 फीसद ऐसे बच्चे हैं जिनका नाम तो स्कूल में दर्ज हैं लेकिन वे प्रतिदिन स्कूल नहीं आते। इसके पीछे विभाग का तर्क है कि कई बच्चों के नामांकन दो स्कूलों में हैं।

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मालूम हो कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार की एक ऐसी ही महत्वाकांक्षी योजना मिड डे मील भी है। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ बच्चों को स्कूल से जोड़ना है बल्कि उन्हें पौष्टिक आहार भी उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत जिले के सभी 16 प्रखंडों के 2064 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में एनजीओ व विद्यालय शिक्षा समिति के माध्यम से इस योजना का संचालन किया जा रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग का जो आंकड़ा है वह काफी चौंकाने वाला है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2064 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में वर्ग एक से आठ तक 5 लाख 56 हजार 878 बच्चे नामांकित हैं लेकिन मिड डे मिल योजना का लाभ 2 लाख 89 हजार 866 यानी मात्र 52.5 फीसद बच्चे ही इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 47.5 फीसद बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने स्कूल में अपना नामांकन तो करा रखा है लेकिन वे रोजाना स्कूल नहीं आते हैं। बच्चों की कम उपस्थिति पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को नाम एक से अधिक स्कूल में करा रखा है इस वजह से उपस्थिति कम रहती है। अब ऐसे बच्चों की पहचान के लिए संकुल स्तर के अन्य स्कूलों की नामांकन पंजी से मिलान किया जा रहा है। मिड डे मील योजना एक नजर में - 2064 प्राथमिक व मध्य विद्यालय हैं जिले में

- 2063 स्कूलों में चल रही है मिड डे मील योजना

- 01 स्कूल में स्थानीय समस्या से बंद है योजना

- 1411 स्कूलों में एनजीओ करता है एमडीएम की सप्लाई

- 653 स्कूलों में विद्यालय शिक्षा समिति के अधीन है एमडीएम योजना

- राजापाकर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय बखरी ¨हदी में स्थानीय समस्या से बंद है योजना कहते हैं पदाधिकारी

- स्कूल आने वाले शत प्रतिशत बच्चों को मिड डे मील योजना का लाभ मिल रहा है। स्कूल में उपस्थिति कम रहने की वजह से लाभान्वितों की संख्या में कमी आई है। इसकी एक बड़ी वजह इस योजना को लेकर निदेशालय से लेकर जिला व प्रखंड स्तर पर तक सख्त मॉनीट¨रग व्यवस्था भी है। राजापाकर के एक स्कूल में स्थानीय समस्या की वजह से योजना बंद है। जल्द ही वहां भी चालू करा दिया जाएगा।

- अजय कुमार झा, डीपीओ, मिड डे मील योजना


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