Move to Jagran APP

राघोपुर में एक्सपायर जीवनरक्षक दवाइयां पायी गईं कूड़े के ढ़ेर पर

संवाद सूत्र, राघोपुर : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघ्

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 10:18 PM (IST)Updated: Tue, 20 Mar 2018 10:18 PM (IST)
राघोपुर में एक्सपायर जीवनरक्षक दवाइयां पायी गईं कूड़े के ढ़ेर पर
राघोपुर में एक्सपायर जीवनरक्षक दवाइयां पायी गईं कूड़े के ढ़ेर पर

संवाद सूत्र, राघोपुर : बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जीवनरक्षक दवाएं यूं ही रखी-रखी एक्सपायर हो जा रही हैं। बाद में उन एक्सपायर जीवनरक्षक दवाओं को कूड़े के ढेर पर फेंक दिया जा रहा है। मंगलवार को यहां भारी मात्रा में एक्सपायर दवाएं फेंकी पाई गईं।

loksabha election banner

सरकार आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावे कर रही है तो वहीं दूसरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र राघोपुर में जीवन रक्षक दवा कूड़े के ढेर पर फेंकी जा रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र फतेहपुर राघोपुर के शौचालय की टंकी के पास बाहर काफी मात्रा में ओआरएस घोल के पैकेट, स्ट्रेप्टोमाइसिन इंजेक्शन, सेफ्टीन एलर्जी की दवा एचआईवी जांच किट कूड़े के ढेर पर फेंकी पाई गईं। दवाओं को फेंके जाने की जानकारी मिलते ही काफी संख्या में लोग पहुंच गए और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे। फेंकी गई एक्सपायर दवाओं की कीमत हजारों रुपये बताई जा रही है। वैसे इसका आकलन तो स्वास्थ्य विभाग ही कर सकता है कि फेंकी गई दवाओं की कीमत कितनी है। बताया जाता है कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने स्थानीय किसी व्यक्ति को कांट्रैक्ट पर रखा है और उसने ही दवाएं फेंकी हैं। वैसे यहां दवा स्टोर का का जिम्मा एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पास है। एक्सपायर दवाएं यूं ही खुले में किसने फेंका है यह जांच का विषय है।

मालूम हो कि एक और आए दिन पीएचसी के आउटडोर में इलाज कराने आने वाले मरीजों को यह बताया जाता है कि दवा की किल्लत है। अक्सर मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ती है। लेकिन राघोपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की कार्यशैली और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से लाखों की दवाएं यूं ही पड़ी-पड़ी एक्सपायर हो जा रही हैं। एक्सपायर दवा को भी यूं ही खुले में नहीं फेंकना है। अगर दवा बच गई है तो जिला दवा भंडार को सूचना देनी है और वापस कर देना है लेकिन यहां इन नियमों की भारी अनदेखी की जा रही है।

इस संबंध में मोबाइल पर संपर्क किए जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुशीला कुमारी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। जानकारी होने पर बताया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.