डर से कई परिवारों ने गांव से किया पलायन
जंदाहा। जंदाहा थाना क्षेत्र के डीह बुचौली गांव में विगत 27 दिसंबर की रात एक पानी व्यवसाय की घर से खींच कर की गई निर्मम हत्या एवं उसी रात महिसौर निवासी 2 किसानों को अगवा किए जाने की घटना से घटना के एक पखवाड़े बाद भी दोनों गांव में भयंकर दहशत व्याप्त है।
जंदाहा। जंदाहा थाना क्षेत्र के डीह बुचौली गांव में विगत 27 दिसंबर की रात एक पानी व्यवसाय की घर से खींच कर की गई निर्मम हत्या एवं उसी रात महिसौर निवासी 2 किसानों को अगवा किए जाने की घटना से घटना के एक पखवाड़े बाद भी दोनों गांव में भयंकर दहशत व्याप्त है। दोनों गांव के लोग संगीनों के साए में खौफजदा जीवन जीने को विवश है। इन दोनों गांव के लोग इतने भयभीत हैं कि गांव में रहना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। घटना को लेकर जहां डीह बुचौली गांव के एक जाति विशेष के लोग काफी भयभीत हैं, वहीं महिसौर गांव के भी एक जाति विशेष के लोग काफी भयभीत हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। लोगों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन प्रतिदिन कड़ी चौकसी बरत रहा है। इसके बावजूद भी गांव के लोग अपने घरों से अभी भी दूर ही हैं। इन दोनों गांवों के कई घरों से लोगों के पलायन का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गांव स्थित विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति वर्तमान में काफी कम हो गई है। दोनों गांव में कई घरों में ताला लटके हैं। दोनों गांव के लोग आशंकित रह रहे हैं।
मालूम हो कि 27 दिसंबर की रात बेखौफ अपराधियों द्वारा डीह बुचौली निवासी पानी व्यवसाई ऋषिकेश झा को घर से खींचकर गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई। वहीं बचाने आए उसके चाचा उमाकांत झा को भी अपराधियों ने गोलियों में एवं बम से प्रहार कर गंभीर जख्मी कर दिया तथा गोली एवं बम चलाते लोगों में दहशत फैलाने के उद्देश्य बाइक से सभी अपराधी भाग निकले थे। उसी दौरान अपराधियों ने बरैला झील के समीप अपने खेत में लगे गेहूं की फसल की ¨सचाई कर लौट रहे महिसौर निवासी किसान रंजीत कुमार ¨सह उर्फ चुनचुन ¨सह तथा रमेश झा को अगवा कर लिया। घटना के तीन रोज बाद महिसौर गांव में एक जाति विशेष के 5 लोगों के झोपड़ी नुमा घरों में आग लगा दी गई तथा दरवाजे पर खड़ी एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। यह घटना भी रात के अंधेरे में की गई ।घटना को लेकर उस वक्त भी लोगों के बीच आक्रोश बना लेकिन पुलिस प्रशासन एवं दोनों गांव के गणमान्य लोगों तथा पंचायत प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप से मामला को शांत कराया गया तथा इस मामले में स्थानीय थाना में किसी के विरुद्ध दोषारोपण नहीं किया गया।
इधर अगवा दोनो किसानों की खोज को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर कई दिनों तक प्रयास किया गया लेकिन अब तक किसानों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। नतीजतन दोनों गांव के लोग भयभीत हैं। हालांकि जंदाहा पुलिस पानी व्यवसायी ऋषिकेश झा की हत्या मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि दो किसानों के अपहरण मामले में भी जंदाहा पुलिस पातेपुर थाना पुलिस के माध्यम से 5 महिलाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। तमाम प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद घटना के 16 दिन बाद भी अगवा किसानों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया। दोनों किसानों के परिजन परेशानी में डूबे हैं। दोनों गांव के एक जाति विशेष के अधिकांश घरों में ताले लटके हैं। दोनों गांव के जो लोग अपने घर पर हैं वे काफी भयभीत हैं।
अगवा किसानों की तलाश में छापेमारी
प्राप्त सूत्रों के अनुसार अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी महुआ मुंद्रिका प्रसाद के नेतृत्व में जंदाहा थानाध्यक्ष सरफराज अहमद एवं पातेपुर थानाध्यक्ष छोटन कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल एवं एसएसबी के जवानों द्वारा किसानों की बरामदगी को लेकर शुक्रवार को भी पातेपुर थाना क्षेत्र के सकरौली गांव में सघन छापेमारी किए जाने की सूचना है। लेकिन किसानों का कोई सुराग नहीं मिल पाया ।ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा दोनों गांव की सीमा पर स्थित मध्य विद्यालय परिसर में पुलिस कैंप स्थापित किया गया है जहां एक पुलिस पदाधिकारी के नेतृत्व में सैप के 15 जवानों को तैनात किया गया है। वहीं प्रतिदिन जंदाहा थाना के नेतृत्व में दोनों गांव में चौकसी बरती जा रही है। हालांकि बताया जाता है कि बंद घरों में से कुछ ऐसे भी घर है जिसके मालिक परिजन सहित अन्य प्रदेश में अपना घर बना कर वर्षों से रह रहे हैं । लेकिन कुछ घर ऐसे बंद हैं जो नक्सली घटना के बाद घर छोड़कर सुरक्षा के लिए अलग रहने चले गए हैं। हालांकि पुलिस प्रशासन वैसे लोगों में विश्वास पैदा करने की कवायद में लगा है।