हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम सुधाकर पांडे ने करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व एक युवक की हत्या कर दिए जाने के मामले में एक युवक को आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
जागरण संवाददाता, हाजीपुर :
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम सुधाकर पांडे ने करीब साढ़े पांच वर्ष पूर्व एक युवक की हत्या कर दिए जाने के मामले में एक युवक को आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार नगर थाना क्षेत्र के जढ़ुआ मोहल्ला के कृष्णा राय के 25 वर्षीय पुत्र धीरज कुमार 28 मार्च 2014 की रात्रि घर से खाना खाकर गंगाब्रिज थाना के पीछे स्थित मुर्गी फार्म में सोने गया था। सुबह में जब वह अपने घर नहीं गया तब उसके पिता उसे खोजते हुए मुर्गी फार्म पर आए तो वहां उसके साथ प्रतिदिन सोने वाले उसके पड़ोसी भोला राय का पुत्र राहुल कुमार ने बताया कि रात्रि में धीरज कुमार को मोबाइल पर कॉल आया था। काल आने के बाद वह वहां से निकल गया था जो अभी तक लौट कर नहीं आया है। इसी बीच सूचना मिली कि जढ़ुआ मोहल्ला के ही सतीश राय के घर के निकट एक युवक का शव पड़ा हुआ है। वहां जाने पर उस शव की पहचान कृष्णा राय ने अपने पुत्र धीरज कुमार के रूप में की। इस घटना को लेकर नगर थाना में मृतक के पिता ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध षडयंत्र कर हत्या किए जाने की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में जढ़ुआ मोहल्ला के ही राहुल कुमार, उसके भाई पप्पू कुमार उर्फ पप्पू राय एवं संजय चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसके बाद इन तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
इस मामले में पुलिस ने 25 जून 2014 को न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया। इस मामले में राहुल कुमार का विचारण बाल न्याय परिषद में चल रहा है। पुलिस द्वारा समर्पित आरोप पत्र के आलोक में संजय चौधरी तथा पप्पू कुमार के विरुद्ध 15 अक्टूबर 2014 को संज्ञान लिया गया तथा 24 अप्रैल 2015 को इन दोनों के विरुद्ध आरोप गठित किया गया। इस मामले में लोक अभियोजक वीरेन्द्र नारायण सिंह के मार्गदर्शन में अपर लोक अभियोजक शब्द कुमार द्वारा 10 साक्षियों का परीक्षण प्रतिपरीक्षण के बाद बीते 25 सितंबर को संजय चौधरी को भादवि की धारा 302 तथा 34 के तहत बुधवार को दोषी करार दिया गया था जबकि पप्पू कुमार को दोष मुक्त कर दिया गया था। इसी मामले में सोमवार को सजा के बिन्दु पर सुनवाई के बाद संजय चौधरी को आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।