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अत्याधुनिक कृषि तकनीक की किसानों को दी गई जानकारी

कृषि विभाग सारण एवं शील बायोटेक नई दिल्ली के सौजन्य से सारण जिला के 50 किसानों ने नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत मंगलवार को परंपरागत कृषि प्रणाली की जानकारी लेने पहाड़पुर तोई स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स केंद्र का परिभ्रमण किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 10:40 PM (IST)
अत्याधुनिक कृषि तकनीक की किसानों को दी गई जानकारी
अत्याधुनिक कृषि तकनीक की किसानों को दी गई जानकारी

संवाद सूत्र, सहदेई प्रखंड :

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कृषि विभाग सारण एवं शील बायोटेक नई दिल्ली के सौजन्य से सारण जिला के 50 किसानों ने नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत मंगलवार को परंपरागत कृषि प्रणाली की जानकारी लेने पहाड़पुर तोई स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स केंद्र का परिभ्रमण किया। परिभ्रमण के दौरान सेंटर आफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स केंद्र में किसानों को अत्याधुनिक कृषि तकनीक की जानकारी दी गई। यहां विभिन्न तकनीक एवं पूरी तरह जैविक विधि से स्ट्राबेरी, केला, आम, लिची, अमरुद, अनानस, रेड लेडी, ताइवानी पपिता, अनार, बिना बीज वाले निबु के अलावा अन्य फलों के साथ बागवानी से संबंधित जानकारी ली। विशेष रूप से हाईटेक तकनीक से तैयार किए जा रहे स्ट्राबेरी एवं पपिता की खेती को देखा।

परिभ्रमण के बाद शाील बॉयोटेक के परियोजना पदाधिकारी सर्वेश कुमार, सोनपुर के आत्मा पदाधिकारी मृत्युंजय सिंह, नागेश्वर ठाकुर, विनोद कुमार ने किसानों को फलों के प्रजनन से लेकर उत्पादन तक की जानकारी दी। साथ ही किसानों को आम, अमरुद, निबु और लिची का कलम मौसम के अनुसार से तैयार करने की विधि बताई। जैविक विधि से खरबूज तैयार करने के बारे में बताया गया। साथ ही सघन बागवानी एवं पौधा संरक्षण से जुड़ी सभी योजनाओं के बारे में अवगत कराया गया। किसानों को बताया गया कि आम में मंजरो की देखभाल शुरु करने का समय आ गया है। मंजरो को समय से देखभाल नहीं होने के कारण कई तरह के रोग जैसे मधुआ, दहिया कीट, मृदरोमिल, एन्थ्रेकनोज जैसे व्याधियों का आक्रमण हो जाता है। जिसके कारण मंजर को नुकसान होता है और उत्पादन कम हो जाती है।

फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए पहला मंजर निकलने पर, दूसरा मंजरों में सरसों के बराबर दाना लग जाने पर और तीसरा आम के टिकोले मटर के दाने के बराबर हो जाने पर विभिन्न प्रकार के कीटनाशी व फफूंद नाशक मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए। कहा गया कि जैविक विधि से तैयार की गई फसल खाने में स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक भी होता है। इस दौरान मौके पर प्रभारी आलोक कुमार, इंचार्ज प्रकाश चंद्र शर्मा, सुधीर कुमार, शील बायोटेक के नागेश्वर ठाकुर एवं अंकित उपाध्याय अवस्थित रहे।


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