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लोकतंत्र के आंगन में विश्व शंति स्तूप के मॉडल तले हुई जन जागरण सभा

गृहमंत्री अमित शाह की सभा विश्व शांति स्तूप के स्वरूप में बने मंच पर हुई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jan 2020 11:17 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jan 2020 11:17 PM (IST)
लोकतंत्र के आंगन में विश्व शंति स्तूप के मॉडल तले हुई जन जागरण सभा
लोकतंत्र के आंगन में विश्व शंति स्तूप के मॉडल तले हुई जन जागरण सभा

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :

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दुनिया को शांति, अहिसा एवं वसुधैव कुटुंबकम का संदेश देने वाली भगवान महावीर की जन्मस्थली, गौतम बुद्ध की कर्मस्थली एवं लोकतंत्र के आंगन में गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विश्व शांति स्तूप के मॉडल तले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) अपनी बात रखी। सजी-धजी वैशाली ने शाह का शानदार स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत शाह ने एक बाद नहीं बल्कि कई बार इस पवित्र धरती एवं यहां के लोगों का बंदन किया। जिस मंच से शाह लोगों को संबोधित किया, उसे बांस एवं खर-फूस से बनाया गया था। मंच को विश्व शांति स्तूप का मॉडल दिया गया था। केंद्र में गृहमंत्री बनने के बाद पहली बार वैशाली पधारे शाह की सभा में भारी जुटान हुई। वैशाली एवं आसपास के जिलों से लाखों की संख्या में लोग शाह की सभा में पधारे। शाह की सभा को लेकर सुरक्षा के खास बंदोवस्त किए गए थे। प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी मुस्तैद रहे।

वैशाली के खरौना पोखर स्थित प्रस्तावित संग्रहालय मैदान पर 1.10 बजे हेलिकॉप्टर से पहुंचे। मंच पर करीब 1.15 बजे पहुंचे। मंच पर करीब एक घंटे तक रहे। अपने करीब पौन घंटे के संबोधन में शाह ने विस्तार से अपनी बातों को रखा। मंच पर भारत मां तेरी जय हो, विजय हो का संदेश दिया गया था। जिस तरह विश्व शांति स्तूप के मॉडल का सभा का मंच तैयार किया गया था एवं मंच पर संदेश दिया गया, ठीक उसके अनुरूप ही शाह ने भारत मां के जय हो एवं विजय हो के साथ शाह जहां सीएए के मुद्दे पर आमजन को निश्चिंत करने की कोशिश की, वहीं विपक्ष के हमलावर रुख का भी पर्दाफाश किया।

इस पावन धरती से शाह बिहार एवं देश को बताया कि वसुधैव कुटुंबकम की धरती वैशाली जिसने हमेशा से देश-दुनिया को शांति एवं अहिसा का संदेश दिया है, उस धरती पर अशांति एवं अहिसा के लिए कोई स्थान नहीं है। शाह ने कहा कि आज देश में तिरंगा शान से आसमान में लहरा रहा है। यहां यह सब तैयारी और किसी ने नहीं बल्कि शाह के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय में राज्यमंत्री का दायित्व संभाल रहे नित्यानंद राय ने खुद रहकर कराया था और मंच के मॉडल से लेकर उस पर लिखे गए संदेशों के माध्यम से केंद्र सरकार के सोच एवं इरादों को जाहिर करने की कोशिश की थी। नित्यानंद की विशेष पहल एवं अनुरोध पर शाह की सभा के लिए वैशाली को इसी खास मकसद से चुना गया था। नित्यानंद एवं पूरी टीम की आज हर किसी ने तारीफ की।


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