कभी हाजीपुर की पहचान था चिनिया केला, अब अल्पान का बोलबाला
हाजीपुर का नाम सुनते ही जुबान पर एक नाम सहसा उभर जाता है केला। कभी वैशाली जिले की पहचान रहा चिनिया केला अब यहां बहुत कम दिखता है। मालभोग की भी वही स्थिति है। हालांकि अलपान और मुठिया केला के उत्पादन में यह क्षेत्र अपनी पहचान बनाए हुए है।
राजेश , बिदुपुर : हाजीपुर का नाम सुनते ही जुबान पर एक नाम सहसा उभर जाता है, केला। कभी वैशाली जिले की पहचान रहा चिनिया केला अब यहां बहुत कम दिखता है। मालभोग की भी वही स्थिति है। हालांकि अलपान और मुठिया केला के उत्पादन में यह क्षेत्र अपनी पहचान बनाए हुए है। सभी का अपना-अपना स्वाद और विशेषताएं हैं। इस क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति मुख्य रूप से केला बगान पर ही निर्भर है। केले ने वैशाली जिले के तकरीबन ज्यादातर प्रखंडों के किसानों की आर्थिक दशा सुधारने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। परन्तु समय-समय पर प्राकृतिक आपदा के कारण केला उत्पादकों की कमर भी टूटी है। केले की खेती को अब तक फसल बीमा में शामिल नहीं किये जाने की वजह से इस क्षेत्र के किसानों को आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ती है। खास कर तक, जब किसी प्राकृतिक आपदा के कारण केले के पौधों को भारी नुकसान पहुंचा हो। कोराना महामारी को लेकर लगे लॉक डाउन में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगे होने के कारण केला उत्पादक किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गए थे। बगानों में केले के घौद लटके हुए थे, लेकिन खरीदार नहीं थे। औने†ापौने दाम पर केले के घौद बिक रहे थे। सरकार के द्वारा वाहनों की आवाजाही की इजाजत दिए जाने के बाद बगानों से केले के घौद निकलने शुरू शुरू हुए लेकिन तब तक उत्पादकों को खासा नुकसान हो चुका था।
मालूम हो कि जिले से एक प्रकार से मालभोग एवं चिनिया प्रजाति के केले लगभग समाप्त हो चुके हैं। अब यहां अंगुली पर गिने जाने वाले केला उत्पादक हैं, जो कहीं-कहीं चिनिया और मालभोग का उत्पादन करते हैं। अधिकर केला उत्पादक अल्पान और मुठिया प्रजाति के केले का उत्पादन करते हैं। जिले में इस समय 4182 हेक्टेयर में केले की खेती होती है। इन गांवों में होती है केले की खूब खेती
बिदुपुर प्रखंड - सैदपुर गणेश, कंचनपुर, पानापुर धर्मपुर, रजासन, पकौली, भैरोपुर, माइल, दाउदनगर, खिलवत, बिदुपुर, रामदौली, आमेर, विशनपुर राजखण्ड, शीतलपुर कमालपुर, मधुरापुर, नावानगर, चेचर, गोखुला, मथुरा, मजलिशपुर, कुत्तुपुर, मनियारपुर।
हाजीपुर प्रखंड - सहदुल्लहपुर, कर्णपुरा, बाकरपुर, मदारपुर, चंद्रालय, हरौली, अस्तीपुर, डुमरी।
राघोपुर प्रखंड - तेरसिया, सरायपुर, दीवान टोक आदि गांवों में केले की खेती व्यापक रूप से की जाती है। प्रखंडवार केले के उत्पादन की स्थिति प्रखंड हेक्टेयर
हाजीपुर- 830.40
लालगंज- 34.00
वैशाली- 150.00
बेलसर- 157.80
भगवानपुर- 54 . 00
बिदुपुर- 1460.00
राघेापुर- 600.00
महुआ- 30.00
गोरौल- 11.20
चेहराकलां- 50.00
पातेपुर- 200.00
जंदाहा- 62.00
राजापाकर- 120.00
महनार- 216.00
सहदेई- 200.00
देसरी- 7.40
चेचर निवासी चन्द्रभूषण सिंह, बिदुपुर डीह निवासी शत्रुध्न राय, गोखुला निवासी पूर्व मुखिया सुभाष सिंह उर्फ पप्पू सिंह, रामदौली निवासी नागेन्द्र सिंह, अजीत सिंह आदि का कहना है कि जब तक सरकार केले की खेती को फसल बीमाो दायरे में नहीं लाया जाएगा तब तक केला उत्पादक किसानों की स्थिति में सुधार नहीं होगा।