चचेरी पोती से दुष्कर्म मामले में दादा दोषी करार
सदर थाना क्षेत्र में अपनी नाबालिग चचेरी पोती से दुष्कर्म करने के आरोपित दादा को मंगलवार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। एडीजे वन सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश कन्हैया राम ने आरोपित को दोषी करार दिया। सजा के ¨बदु पर 27 नवंबर को सुनवाई होगी।
वैशाली। सदर थाना क्षेत्र एक गांव में अपनी नाबालिग चचेरी पोती से दुष्कर्म करने के आरोपित दादा को मंगलवार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। एडीजे वन सह पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश कन्हैया राम ने आरोपित को दोषी करार दिया। सजा के ¨बदु पर 27 नवंबर को सुनवाई होगी।
मालूम हो कि 30 मार्च 2017 को सदर थाना क्षेत्र के बलराम ठाकुर ने अपनी 12 वर्षीय नाबालिग चचेरी पोती के साथ दुष्कर्म किया था। यह घटना तब घटी जब पीड़िता के माता-पिता उसके चाचा का इलाज कराने दिल्ली गए थे। पीड़िता, उसकी छोटी बहन व भाई की जिम्मेवारी पीड़िता के पिता बलराम ठाकुर को सौंप कर गए थे। माता-पिता के चले जाने के बाद पीड़िता का छोटा भाई काफी रोने लगा। इसके बाद पीड़िता ने अपनी मौसी को जानकारी दी। सूचना पर पहुंचा उसका मौसेरा भाई छोटे बच्चे को अपने साथ ले गया। पीड़िता अपनी छोटी बहन के साथ चचेरे दादा बलराम ठाकुर के पास ही रुक गई। 30 मार्च की रात बलराम ठाकुर ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया तथा उसे एक कमरे में बंद कर दिया। अगले दिन बच्ची को उसने कमरे से बाहर निकाला। पीड़िता ने इसकी जानकारी बलराम ठाकुर की पत्नी को दी तो उसके साथ मारपीट की गई। इसके बाद पीड़िता ने अपनी मौसी को फोन से तबीयत खराब होने की जानकारी दी। सूचना पर समस्तीपुर से आकर उसका मौसेरा भाई उसे अपने साथ ले गया। वहां पीड़िता ने पूरे मामले की जानकारी अपनी मौसी को दी। पीड़िता की मौसी ने उसके माता-पिता को घटना की जानकारी दी। इसके बाद उसकी मौसी पीड़िता को लेकर सदर थाना पहुंची और पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपित को 1 अप्रैल 2017 को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में पुलिस ने 11 मई 2017 को कोर्ट में चार्जशीट दायर किया। पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा ने न्यायिक दंडाधिकारी स्मिता राज, डॉ. प्रियंका समेत नौ साक्षी तथा बचाव पक्ष की ओर से परमा देवी एवं अरुण राय की गवाही कराई गई। इसके बाद कोर्ट ने बलराम ठाकुर को मंगलवार को दोषी करार दिया।