आजादी के अमृत महोत्सव में स्वतंत्रता सेनानी के स्वजन हुए सम्मानित
जागरण संवाददाता हाजीपुर आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में प्राथ
जागरण संवाददाता, हाजीपुर :
आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय पताही मुजफ्फरपुर के प्रशिक्षुओं ने स्वतंत्रता सेनानियों एवं स्वजनों से मिलकर सम्मानित किया। इस दौरान आजादी आंदोलन के क्रांतिकारियों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले गोरौल प्रखंड के मलिकपुरा गांव निवासी ताम्रपत्र धारी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय डा. रामचंद्र साम्राज्य के घर पहुंच कर उनके पुत्र डा. रविद्रनाथ सिंह को सम्मानित किया गया। प्रशिक्षु छात्राध्यापक रत्नेश कुमार ने उनके क्रांतिकारी गतिविधियों की जानकारी ली।
स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र ने कहा कि जब वह एक साल के ही थे तो उनके पिता स्वर्गीय डा. रामचंद्र साम्राज्य ने क्रांतिकारियों का प्रतिनिधित्व किया था। अपने सहयोगियों के साथ गोरौल में डाकघर को फूंकने, रेलवे की पटरी को उखाड़ने और टेलीफोन के तार काटने जैसे कार्यो को अंजाम देकर पुलिस की नींद हराम कर चुके थे। उनपर बाडी वारंट भी जारी किया गया था। इसी दौरान बौखलाई अंग्रेज पुलिस ने गोरौल स्थित उनके घर को जला दिया तथा मलिकपुरा में पैतृक घर को भी तहस-नहस कर दिया। वह अपनी पत्नी और दूधमुंहे बच्चा को लेकर चंवर में लगे ईंकरी में छुप कर रात बिताई थी। बाद में बच्चा और पत्नी को लेकर अपने ससुराल मझौली चले गए, जहां एक दिन उन्हें शौच जाने के क्रम में अंग्रेज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बाद में आजादी के पच्चीसवें साल पर 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वर्गीय साम्राज्य को ताम्रपत्र और शाल देकर सम्मानित किया था। उनके पुत्र ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि उनके पुत्र है। हमें भी अपने देश और समाज के लिए कुछ करना चाहिए। इस मौके पर रत्नेश कुमार ने उन्हें माला पहनाकर तथा शाल देकर सम्मानित किया। महाविद्यालय प्रशासन ने ऐसे कार्यो की सराहना की और कहा कि क्रांतिकारियों को याद कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा आज जैसे समय में करना देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने जैसा है।