साजिश के तहत की गई थी RTI कार्यकर्ता की हत्या, गुत्थी सुलझी, चार गिरफ्तार
गोरौल थाने के इनायतनगर पंचायत भवन के समीप चार अप्रैल को सरेआम गोली मारकर आरटीआइ कार्यकर्ता जयंतकांत की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
वैशाली [जेएनएन]। गौराल थाने के चकव्यास गांव निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जयंत कुमार उर्फ हाफिया हत्याकांड में पुलिस ने गोरौल प्रखंड प्रमुख समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में दो गोरौल राज्य खाद्य निगम के गोदाम में पेटी कांट्रेक्टर का काम करते हैं।
तीन लाख की दी गई थी हत्या की सुपारी
पुलिस ने इन लोगों के पास से 50 हजार रुपये नकद व तीन मोबाइल भी बरामद किए हैं। जयंत की हत्या की वजह बीएसएफसी गोदाम में चल रही गड़बड़ी बताई जा रही है। उसकी हत्या के लिए दो बदमाशों को तीन लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। हत्या के पहले बदमाशों को 1.75 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। हालांकि गोली मारने वाले दोनों बदमाश आलोक व रवि कुमार अभी भी फरार हैं।
चार अप्रैल को गोली मारकर की गई थी हत्या
सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए एसपी राकेश कुमार ने बताया कि बीते 4 अप्रैल को बाइक सवार दो बदमाशों ने गोरौल थाने के इनायतनगर पंचायत भवन के समीप जयंत की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना में गोली लगने से भद्दर सिंह नामक व्यक्ति जख्मी हो गया था। उसी के बयान पर गोरौल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए महुआ एसडीपीओ अनंत कुमार राय के नेतृत्व में महुआ अंचल इंस्पेक्टर उदय शंकर, दिलीप कुमार प्रभारी डीआईयू, अभिषेक कुमार, अजय कुमार, मो. आरिज एहकाम, कैप्टन शाहनवाज, डीआईयू शाखा के सिपाही जितेंद्र कुमार, ज्ञानशंकर तिवारी व गोपनीय शाखा की एसआईटी टीम का गठन किया गया।
टीम ने टावर डंप व मोबाइल लिस्निंग के आधार पर मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान इस कांड का धीरे-धीेरे खुलासा होने लगा। इसके बाद पुलिस ने भगवानपुर थाने के वारिशपुर से विकास कुमार, गोरौल बीएसएफसी के पेट्री कांट्रेक्टर महमदपुर दरिया निवासी रंजीत कुमार राय व उदय कुमार को गिरफ्तार किया।
इन लोगों ने इस हत्याकांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। इस मामले में जांच के दौरान प्रखंड प्रमुख मुन्ना राय की भूमिका का पता चलते ही उसे हाजीपुर पुलिस लाइन से गिरफ्तार कर लिया गया।