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सैल्यूट गरीबन ! प्रतिमा पर माला चढ़ाकर राष्ट्रपिता को सच्चे दिल से किया नमन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादों से जुड़ी वैशाली की धरती। चंपारण यात्रा के दौरान बापू के चरण यहां पड़े थे। बापू के नाम पर हाजीपुर का गांधी आश्रम बुधवार को उनकी जयंती पर भी उदास। बापू के उन दिनों की यादों को अपने आंचल में संजोए ऐतिहासिक आश्रम के मुख्य द्वार पर दिन के बारह बजे तक अंदर और बाहर दोनों ओर से ताला लटका हुआ था। इधर जिस बापू के नाम पर शहर का इकलौते चौराहे गांधी चौक का नामाकरण हुआ उस चौराहे पर भी उदासी का आलम।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 11:11 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 11:11 PM (IST)
सैल्यूट गरीबन ! प्रतिमा पर माला चढ़ाकर राष्ट्रपिता को सच्चे दिल से किया नमन
सैल्यूट गरीबन ! प्रतिमा पर माला चढ़ाकर राष्ट्रपिता को सच्चे दिल से किया नमन

रवि शंकर शुक्ला, हाजीपुर :

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादों से जुड़ी वैशाली की धरती। चंपारण यात्रा के दौरान बापू के चरण यहां पड़े थे। बापू के नाम पर हाजीपुर का गांधी आश्रम बुधवार को उनकी जयंती पर भी उदास। बापू के उन दिनों की यादों को अपने आंचल में संजोए ऐतिहासिक आश्रम के मुख्य द्वार पर दिन के बारह बजे तक अंदर और बाहर दोनों ओर से ताला लटका हुआ था। इधर, जिस बापू के नाम पर शहर का इकलौते चौराहे गांधी चौक का नामाकरण हुआ, उस चौराहे पर भी उदासी का आलम। पूरे देश में गांधी जयंती पर पॉलीटिकल माइलेज लेने की होड़ के बीच लोकतंत्र का आंगन उदास रहा। ना तो विपक्ष और ना ही सत्तापक्ष ने ही बापू को दिल से याद करने की नेक कोशिश की। वहीं, अपने दफ्तरों में शान के साथ राष्ट्रपिता की तस्वीर टांगने वाले हुक्मरानों ने भी बापू के यादों से जुड़े गांधी आश्रम में जाकर उन्हें नमन करने की कोशिश नहीं की। गांधी के यादों से जुड़ी पावन धरती पर जयंती के पावन मौके पर बापू को याद करने की रस्म अदायगी पूरी सामाजिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर गया। गोलंबर तो बना पर आज तक स्थापित नहीं हुई बापू की प्रतिमा

हाजीपुर गांधी चौक: समाहरणालय से कुछ ही फर्लांग की दूरी पर स्थित है बापू की यादों से जुड़ा चौराहा। वही समाहरणालय जहां जिले के हुक्मरान बैठते हैं। गांधी के नाम से जुड़ा यह शहर का इकलौता चौराहा है। यहां गोलंबर ते बना है पर उसमें बापू की प्रतिमा आज तक स्थापित नहीं की गई। धन्य हैं, नागेश्वरनाथ मंदिर के निर्माता जिन्होंने मंदिर की दीवार में बापू की एक छोटी से प्रतिमा के साथ ही भारत माता की प्रतिमा भी स्थापित कर रखी है। फूल बेचने वाले गरीबन ने गांधी जयंती पर समाज को दिखाया आइना

गांधी जयंती पर जहां पूरे देश में सत्तापक्ष एवं विपक्ष कार्यक्रमों के माध्यम से बापू के नाम पर पॉलीटिकल माइलेज लेने में जुटा रहा, वहीं उन राजनीतिक दलों की नुमांदयगी करने वाले वैशाली के प्रतिनिधियों को शायद बापू की याद नहीं आई। गांधी चौक पर मंदिर की दीवार में बापू की प्रतिमा पर किसी को श्रद्धा के दो पुष्प अर्पित करने की याद नहीं आई। गांधी चौक मंदिर के समीप फूलों की माला बेचकर परिवार का भरण-पोषण करने वाले बेचारे गरीबन ने बापू की मूर्ति पर सच्चे दिल से फूल चढ़ाकर याद किया। वहीं मंदिर की देखरेख करने वाले आनंद शर्मा एवं पुजारी ने बापू को नमन किया। सचमुच बापू के प्रति श्रद्धा एवं निष्ठा के लिए गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाला गरीबन सैल्यूट का पात्र है। बापू की तस्वीर लेकर आए और जिदाबाद के नारे लगाकर चले गए भाजपाई

हाजीपुर नगर के गांधी चौक पर बापू की तस्वीर लेकर भाजपाई आए। गोलंबर में तस्वीर रख फूल चढ़ाए, जिदाबाद के नारे लगाए और फिर तस्वीर लेकर वहां से सभी चले गए। जिलाध्यक्ष रमेश सिंह कुशवाहा के नेतृत्व में जयंती पर यहां भाजपाई पहुंचे थे। हां, यह जरूर हुआ कि गोलंबर में कार्यकम मनाने के बाद भाजपाइयों ने मंदिर की दीवार में लगे बापू की प्रतिमा के समीप जाकर फोटो खिचवाया। हद तो यह है कि गोलंबर को बने वर्षों हो गए पर बापू की यादों से जुड़े इस चौराहे पर प्रतिमा स्थापित करने की किसी ने आवाज नहीं उठाई। यह हाल तब है, जब दशकों से हाजीपुर में बापू की प्रतिमा बनकर तैयार है। शहर के प्रमुख व्यवसायी कृष्ण कुमार बूबना के घर पर प्रतिमा रखी गई है। सत्तापक्ष में होने के बावजूद भाजपाइयों ने एक बार भी प्रतिमा को स्थापित करने को लेकर आवाज नहीं उठाई। गांधी आश्रम में दिन के बारह बजे तक लटका था ताला

बापू की यादों को अपने आंचल में समेटे गांधी आश्रम में दिन के बारह बजे ताला लटका था। जब जागरण का छायाकार वहां बंद गेट का फोटो लेने लगा तो दौड़कर एक जनाब आए और गेट को खुलवाया। अंदर का ²श्य भी पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा था। यहां बापू जिस कुटिया में ठहरे थे, उसका नामोनिशान भी नहीं है। यादें शेष हैं। वहीं पूरे बिहार में जल, जीवन एवं हरियाली के मिशन के युद्धस्तर पर चलने के बीच आश्रम में जिस कुएं का पानी बापू ने पिया था, उसका अस्तित्व मिटने के कगार पर है। कुएं में जंगल-झाड़ उग आए हैं। कुआं करीब-करीब भर चुका है। आश्रम के प्रति हुक्मररानों की यह उदासीनता गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। गांधी आश्रम न्यास समिति ने जयंती पर की रस अदायगी

गांधी आश्रम में जहां जयंती पर दिन के 12 बजे तक ताला लटका था, वहीं दोपहर बाद प्रेस बयान जारी कर जयंती पर का‌र्य्रम का आयोजन किए जाने की जानकारी दी गई। विज्ञप्ति के अनुसार समिति के कार्यकारी अध्यक्ष समाजवादी चितक रघुपति की अध्यक्षता एवं वायुसैनिक सुमन कुमार के संचालन में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। हुक्मरानों ने गांधी आश्रम पहुंचकर बापू को याद करना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि, कुछ वर्ष पहले तक यहां डीएम समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी आते थे और सरकारी स्तर पर कार्यक्रमें का आयोजन होता था। यह अब अतीत की बात हो गई है। दैनिक जागरण की खबर पर नगर परिषद की टूटी नींद, जेसीबी से सफाई

बापू की यादों से जुड़े गांधी आश्रम में जलजमाव के बीच डंप किए गए कूड़े-कचरे के संबंध में बुधवार के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित होने के बाद नगर परिषद की नींद टूटी। सुबह में ही जेसीबी से जलजमाव के बीच ही कूड़े-कचड़े का उठाव शुरू किया गया। हालांकि यहां जिस तरह कई माह से कूड़ा डंप किया है, पूरी तरह साफ करने में कई दिनों का वक्त लगेगा। वहीं, भारी जलजमाव के कारण भी कूड़े के उठाव में दिक्कत आ रही है। जलजमाव के बीच कूड़े के उठाव के कारण चारों ओर कीचड़ हो गया है।


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