विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेले का आगाज आज, पढ़ें- क्या है इस बार खास
हरि और हर की पावन भूमि, हरिहर क्षेत्र में सोनपुर मेला का आगाज सोमवार को हो रहा है। सूई से लेकर हाथी तक के लिए विश्वप्रसिद्ध इस मेले का उद्घाटन सूबे की पर्यटन मंत्री अनिता देवी करेंगी।
जागरण टीम, हाजीपुर/सोनपुर। हरि और हर की पावन भूमि, हरिहर क्षेत्र में सोनपुर मेला का आगाज सोमवार को हो रहा है। सूई से लेकर हाथी तक के लिए विश्वप्रसिद्ध इस मेले का उद्घाटन सूबे की पर्यटन मंत्री अनिता देवी करेंगी।
उद्घाटन के एक दिन पूर्व सोनपुर पहुंचकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस पवित्र धरती की महिमा का बखान किया। पिछले कुछ सालों से उखड़ रहे मेले के विकास का लोगों को भरोसा दिलाया।
सूचना एवं जनसंपर्क पंडाल में सोमवार अपराह्न 3 बजे मेले का विधिवत उद्घाटन होगा। सूबे के कई मंत्री, विधायक एवं गण्यमान्य इस समारोह के गवाह बनेंगे। मेला में घोड़ा, बैल, हाथी और राजस्थान से बिक्री के लिए उन्नत नस्ल की बकरियां पहुंची हैं।
घोड़ा बाजार में बड़ी तादाद में घोड़े आए हैं। राजस्थान के अलवर व अन्य जिलों से बड़ी संख्या में दुधारू पशु के साथ दुर्लभ पक्षी भी आए हैं। इस वर्ष एक माह के बजाय मेले की सरकारी अवधि 32 दिनों की होगी।
मेले का धार्मिक महत्व
सोनपुर मेला का धार्मिक महत्व है। हरि व हर की पावन भूमि पर यह मेला लगता है। धार्मिक आख्यान है कि गज और ग्राह के बीच हुए युद्ध में गज की पुकार पर यहां भगवान हरि और हर पधारे थे।
ग्राह का वध कर हरि ने अपने भक्त गज की रक्षा की थी। हरि के हाथों मारे गए ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हो गई थी, वहीं गज को नया जीवन मिला था। हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां गंगा-गंडक संगम में पवित्र स्नान को पहुंचते हैं। हरिहरनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं और मेला देखते हैं।
कलशयात्रा के साथ शुभारंभ
मेला का वैसे तो सोमवार को उद्घाटन होगा, लेकिन हर वर्ष की तरह इस साल भी देवोत्थान एकादशी के मौके पर भव्य कलशयात्रा के साथ मेले का आध्यात्मिक शुभारंभ हो गया। सोनपुर मेला क्षेत्र स्थित गजेन्द्र मोक्ष देवस्थानम से जगद्गुरु लक्ष्मणाचार्य के नेतृत्व में बैंड-बाजा व हाथी-घोड़े के साथ भव्य कलशयात्रा निकली। कलशयात्रा हरिहर क्षेत्र में घूमी।
सुरक्षा के खास इंतजाम
मेला में आने वाले लोगों एवं कार्तिक पूर्णिमा पर यहां पवित्र स्नान को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के खास इंतजाम हैं। पूरे मेला क्षेत्र को चार जोन में बांट पैदल गश्ती दल तैनात किया गया है।
मेला क्षेत्र में 18 थाने स्थापित किए गए हैं। बड़ी संख्या में सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। भीड़ में असामाजिक तत्वों पर नजर रखने को सिविल ड्रेस में पुलिस अफसरों व जवान रहेंगे। कम्युनिटी पुलिस एसपीओ को भी लगाया गया है।
मनोरंजन के खास इंतजाम
सोनपुर मेला में आने वाले लोगों के मनोरंजन के खास इंतजाम किये गये हैं। उद्घाटन के दिन पाश्र्व गायक उदित नारायण का कार्यक्रम होगा। पाश्र्व गायक कुमार शानू भी कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। इसके अतिरिक्त मेला में इस बार 11 थियेटर भी लगाए जा रहे हैं।
रेल ग्राम में रेलवे का अतीत
मुख्य जनसंपर्क पंडाल के ठीक सामने पूर्व मध्य रेल की प्रदर्शनी लगी रही है। इस रेल ग्राम में रेल का संपूर्ण इतिहास चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। बच्चों के लिए ट््वाय ट्रेन से लेकर खाने पीने के लिए रेस्टोरेंट की व्यवस्था है। इसी परिसर में विभिन्न विभागों के प्रदर्शनी स्टाल सजे हैं।
नखास को खास पहचान
नखास में हस्तशिल्प गांव बसाया गया है। गांव में बंगाल, असम, तथा बिहार आदि राज्यों के हस्तशिल्प से निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी होती है। कृषि प्रदर्शनी में खेती-बारी के वैज्ञानिक अत्याधुनिक तरीकों से किसानों को अवगत कराया जाता है। अनेक किस्म के औषधीय पौधों को भी प्रदर्शनी लगाया जाता है।
24 से 26 तक गंडक पुल पर परिचालन बंद
छपरा : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोनपुर में होने वाली भीड़ को देखते हुए सोनपुर व हाजीपुर के बीच स्थित गंडक पुल पर वाहनों के आवागमन पर रोक लगा है। प्रशासन ने 24 से लेकर 26 नवंबर को सोनपुर व हाजीपुर के बीच स्थित नये व पुराने पुलों से वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी है।
24 नवंबर की सुबह आठ बजे से छपरा से हाजीपुर की तरफ जाने वाले वाहन शीतलपुर, परसा, मकेर, रेवाघाट, बखरा चौक, वैशाली, लालगंज तथा अंजानपीर होकर हाजीपुर जाएंगे। इसी प्रकार हाजीपुर से छपरा आने वाले वाहन उक्त रास्ते से होकर आएंगे। यह व्यवस्था स्नान मेला की समाप्ति तक यानी 26 नवंबर की रात आठ बजे तक लागू रहेगी।