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महनार सीएचसी में इमरजेंसी सेवाएं ठप रहने से मरीज बेहाल

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By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 07:55 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 07:55 PM (IST)
महनार सीएचसी में इमरजेंसी सेवाएं ठप रहने से मरीज बेहाल
महनार सीएचसी में इमरजेंसी सेवाएं ठप रहने से मरीज बेहाल

वैशाली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार में लगभग तीन महीनों से स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है। डॉक्टरों के द्वारा सुरक्षा एवं अन्य मांगों को लेकर किया जा रहा व्यवहार पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। ऊपर से जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का इस मामले में रवैया ¨चतनीय है। इन सब के बीच आमजन इलाज के अभाव में परेशान है।

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मालूम हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार में पिछले 22 अगस्त से स्वास्थ्य सेवा बदहाल है। 22 अगस्त को महनार के हसनपुर निवासी राजा कुमार की बिजली के करंट से हुई मौत के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा अस्पताल में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद सभी डॉक्टर सुरक्षा आदि मांगों को लेकर अस्पताल को बन्द कर हाजीपुर चले गए। फिर 16 दिन बाद डीएम एवं सीएस के प्रयास से 07 सितम्बर से स्वास्थ्य सेवा शुरू हो सकी। इस बीच अस्पताल बन्द रहने को लेकर महनार नागरिक संघर्ष मोर्चा के द्वारा आमरण अनशन किया गया। कुछ दिनों तक सब ठीक-ठाक चला। फिर 22 अक्टूबर को मुरौवतपुर निवासी एक शिक्षक की पुलिस वैन से कुचलकर हुई मौत के बाद किए जा रहे सड़क जाम एवं आंदोलन के दौरान असामाजिक तत्वों ने अस्पताल पर ईंटें फेंक दीं। इसके बाद से अस्पताल फिर बन्द हो गया। फिर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा शुरू की लेकिन इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं हुई। 22 अक्टूबर से अस्पताल में इमरजेंसी सेवा बन्द है। इस बीच इलाज के लिए आए कई गंभीर रूप से जख्मी लोगों को बैरंग लौटना पड़ा।

इस सबके बीच सबसे बुरी हालत गरीब लोगों की है। गरीबों को अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से उन्हें दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को भी भटकना पर रहा है। सरकार जिस गरीब एवं आम आदमी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का भरोसा देती है वही गरीब एवं आम आदमी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिलने के कारण परेशान है। इस पूरे प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेवार अधिकारियों का रवैया कई सवाल खड़े कर रहा है। डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अड़े हैं।

सीएचसी में पूर्ण स्वास्थ्य सेवा बहाल करने को लेकर सिविल सर्जन ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ इरफानुल जोहा को हटाकर डॉ एमपी ¨सह को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बनाया है। लेकिन उन्होंने प्रभार नहीं लिया। तीन दिनों पहले हाजीपुर से आई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने डॉ एमपी ¨सह को मनाने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। आज भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

जानकार बताते हैं कि व्यक्तिगत स्वार्थ एवं राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महनार को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। इसके पहले भी राजनीति के चक्कर में महनार अस्पताल जनआक्रोश की भेंट चढ़कर बर्बाद हो चुका है। लोग उस पुराने दिन को फिर से दोहराते हुए नहीं देखना चाहते। इन सबके बीच स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी आम आदमी को चुभ रही है।


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