मेला में मुर्गे की लड़ाई को देखने जुट रहे है लोग
एशिया प्रसिद्ध सोनपुर मेले की बात ही निराली है। इस मेले में लोगों को तरह-तरह के अजूबे चीज देखने को मिल रहे हैं।
वैशाली। एशिया प्रसिद्ध सोनपुर मेले की बात ही निराली है। इस मेले में लोगों को तरह-तरह के अजूबे चीज देखने को मिल रहे हैं। इसे देखने के लिए मेले में भीड़ भी लगी रहती है। घूमने आए लोगों की सोच है कि कहीं फिर ऐसा चीज दोबारा देखने को मिले या न मिले। मेला में कहीं घोड़ा पैरों में घुंघरू बांध कर नाचते मिल रहे हैं तो कहीं तोता लोगों की भाग्य बता रहा है। एक ओर इस मेले में लड़ाकू मुर्गे की लड़ाई चल रही है। मुर्गे की लड़ाई देखने के लिए काफी संख्या में लोग जुट रहे हैं। सोनपुर मेला में लड़ने के लिए आया यह मुर्गा असील प्रजाति का है। इस प्रजाति के मुर्गा रखने के शौकिन है सोनपुर के सुरेश नारायण ¨सह। इनके मुर्गा से ही बाहर से आए मुर्गा की लड़ाई होती है। वे इस प्रजाति के लगभग 20 मुर्गा रखे हुए है। इन मुर्गो का मुख्य काम है लड़ाई करना। ¨सह ने बताया कि यह प्रजाति ज्यादातर साउथ इंडिया में पाया जाता है। इन मुर्गो के लड़ाई का सबसे बड़ा प्रतियोगिता कोलकाता के टेगरा में प्रत्येक वर्ष फरवरी माह में आयोजित होता है। आसील क्लब के तत्वाधान में आयोजित होने वाले इस प्रतियोगिता में वे अपने मुर्गा को लड़ने के लिए भी भेजते है। इन मुर्गो के प्रतियोगिता के आयोजन में मुख्य भूमिका चाईनीज लोगों की होती है। वे सभी ही मुर्गा के लड़ाई के शौकिन होते है। उनका मुर्गा वहां से शील्ड जीतकर भी जीतकर आया है। उनका कहना है कि पूरे सूबे में यदि कही भी इस प्रकार के आयोजन होते है वहां उनका ही मुर्गा जाता है। वे इसे शौक से पाल रखे है, इसकी बिक्री वे नही करते है। इस प्रकार के मुर्गा बहुत ही कम लोग रखते है।