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वैशाली में क्रिकेट मैच देखना बच्चे को पड़ा महंगा, गर्दन में लगी बॉल-चली गई जान

वैशाली के एक मैदान में क्रिकेट देखने आए एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत क्रिकेट के बॉल लगने से हो गई। बच्चे की मौत के बाद स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 09:17 AM (IST)
वैशाली में क्रिकेट मैच देखना बच्चे को पड़ा महंगा, गर्दन में लगी बॉल-चली गई जान
वैशाली में क्रिकेट मैच देखना बच्चे को पड़ा महंगा, गर्दन में लगी बॉल-चली गई जान

वैशाली, जेएनएन। बिहार के वैशाली जिले में क्रिकेट मैच देखने का शौक एक बच्चे के लिए काल बन गया। गोरौल में वर्षों से बन्द गोरौल चीनी मिल के मैदान में गुरुवार को क्रिकेट देखने आए एक 11 वर्षीय बच्चे की मौत क्रिकेट के बॉल लगने से हो गई। मृतक अंशु कुमार थाना क्षेत्र के धाने गोरौल गांव निवासी देवेंद्र प्रसाद चौरसिया उर्फ देवन भक्त का पुत्र था।

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बॉल लगते ही हुआ बेहोश

गोरौल चीनी मिल के मैदान में प्रतिदिन स्थानीय लड़के क्रिकेट खेलने आते हैं। आसपास के छोटे-छोटे बच्चे खेल देखने यहां पहुंचते हैं। गुरुवार को भी स्थानीय लड़के क्रिकेट खेल रहे थे। अंशु भी खेल देखने आया था। बैट से निकली बॉल अंशु के पीछे गर्दन पर लग गई। गेंद लगने से अंशु बेहोश हो गया। आनन-फानन में उसे उसके घर पहुंचाया गया।

डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

घर से स्वजन उसे लेकर गोरौल पीएचसी लाए जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन शव को लेकर घर चले गए। इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गयी। इस  हादसे के बाद क्रिकेट खेल रहे युवक खेल बंद कर वहां से खिसक गये। गोरौल बाजार सहित आसपास के गांव में इस ह्रदय विदारक घटना से लोग मर्माहत हैं। वहीं धाने गोरौल गांव में कोहराम मच गया है।

रो-रोकर बेहोश हो जा रहे थे स्वजन

अंशु के दादा चन्द्रिका चौरसिया उर्फ दहाउर चौरसिया दहाड़ मार कर रो रहे थे। वहीं घर के भीतर मां रीना देवी रोते-रोते बार-बार बेहोश हो जा रही थी। घटना की खबर मिलने पर भारी संख्या में  गांव के महिला-पुरुष दादा और उसकी मां को ढांढस बंधा रहे थे। पिता देवेन्द्र चौरसिया पान का व्यवसाय करते हैं। गोरौल से पान का पत्ता ले जाकर मुजफ्फरपुर के धर्मशाला चौक जाकर बेचते हैं। दो भाइयों में अंशु छोटा था। बड़ा भाई छोटू कुमार 14 वर्ष का है। गांव के अरङ्क्षवद प्रसाद चौरसिया, शंभु चौरसिया, पैक्स अध्यक्ष बमबम चौरसिया आदि ग्रामीणों ने बताया कि देवेन्द्र पान के व्यवसाय से परिवार का भरण पोषण करता है। परिवार की माली हालत भी ठीक नहीं है।


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