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बीतते समय के साथ बढ़ रही सोनपुर मेले की रौनक

प्रतिदिन सैकड़ों स्कूली बच्चे पहुंच रहे मेला देखने संवाद सहयोगी, सोनपुर : वैशाली। विश्वविख्

By Edited By: Published: Fri, 11 Dec 2015 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2015 09:33 PM (IST)
बीतते समय के साथ बढ़ रही सोनपुर मेले की रौनक

प्रतिदिन सैकड़ों स्कूली बच्चे पहुंच रहे मेला देखने

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संवाद सहयोगी, सोनपुर :

वैशाली। विश्वविख्यात हरिहर क्षेत्र मेला अपने सरकारी अवधि का लगभग आधा हिस्सा पार कर चुका है। इससे इतर मेले की रौनक दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। सरकारी तथा गैरसरकारी प्रदर्शनियों में न केवल ग्रामीण अंचलों से आए दर्शनार्थियों बल्कि शहर से आए लोगों की भी भारी संख्या है।

प्रतिदिन मेले में मुख्यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण के तहत राज्य के विभिन्न स्थानों से विद्यालयी बच्चों के बस यहां पहुंच रहे हैं। साथ आए शिक्षक और शिक्षिकाएं एक कतार में ले चल रहे बच्चों को प्रत्येक चीज के बारे में जानकारियां दे रहे हैं। मेले में शिक्षा विभाग की भी प्रदर्शनी लगी है। स्वास्थ्य विभाग, समेकित बाल विकास परियोजना, जिला ग्रामीण अभियंत्रण विभाग तथा सौर उर्जा, बीएसएनएल आदि सहित अनेकों ऐसी प्रदर्शनियां हैं, जहां सरकार द्वारा चल रही जनहितकारी योजनाओं तथा गरीबों एवं सरकारी स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारियां दी जा रही हैं।

दूसरी ओर मेले के प्रत्येक चौक-चौराहे पर गत वर्ष की तुलना में इस बार इमरती और गुड़ की जलेबी की ढ़ेर सारी दुकानें लगी हुई हैं। कमाल ये है कि इनमें से शायद ही कोई दुकान है, जिस पर ग्राहकों की भीड़ न हो। मेला से लौटते वक्त अधिकांश दर्शनार्थी अपनी क्षमता के अनुसार गुड़ की जलेबी की खरीदारी कर रहे हैं। नखास चौक, गज-ग्राह चौक, चिड़िया बाजार चौक सहित मेले के अनेक ऐसे चौक-चौराहे हैं, जहां पूरे दिन इमरती और गुड़ही जलेबी छानने का काम जारी रहता है। मेला घूमने आए विदेशी पर्यटक इन दुकानों पर खरीदारी भले न करें, लेकिन इस अछ्वुत मिठाई के बदले तथा छाने जाने की इस प्रक्रिया का पूरा का पूरा ²श्य वीडियो कैमरे में रिकार्ड कर रहे हैं। वे अपनी भाषा में जलेबी बनाने वाले कारीगर से जानना चाहते हैं कि यह कौन सी मिठाई है और इसमें क्या-क्या मिला हुआ है? ऐसे में दुकानदार उन्हें इशारों ही इशारों में बताता है। मेले का पशु बाजार लगभग समाप्त हो चुका है। परिणाम स्वरूप मेले की भीड़त पूरी तरह नखास, चिड़िया बाजार, गज-ग्राह चौक, ड्रोलिया चौक, मीना बाजार तथा बाबा हरिहरनाथ मंदिर के पास केंद्रित हो गई है। मेले में शुक्रवार को महाराष्ट्र, झारखण्ड, बंगाल तथा उत्तर प्रदेश से भी तीर्थयात्री मेला देखने पहुंचे।


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