अधिवक्ता की हत्या से जिले के वकीलों में गम और गुस्सा
वैशाली। दिवंगत अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा की याद में सोमवार को जिला विधिज्ञ संघ ने एक शोक सभा।
वैशाली। दिवंगत अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा की याद में सोमवार को जिला विधिज्ञ संघ ने एक शोक सभा का आयोजन किया। इसके उपरांत जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय प्रकोष्ट में फुल कोर्ट रेफरेन्स आयोजित किया गया तथा मृत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया।
शोक सभा के बाद संघ की आपात आम सभा की गई। हत्याकांड के दौरान गंभीर रूप से जख्मी हुए अधिवक्ता संजय कुमार ने इस घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस पूरे मामले में सदर थाना पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। वे घायल अवस्था में ही घटनास्थल से भागकर किसी तरह सदर थाना पहुंचे थे लेकिन जीप नहीं होने का बहाना कर पुलिस घटनास्थल पर नहीं गई। वे काफी आरजू-मिन्नत भी किए लेकिन पुलिस थाना से नहीं निकली। जब मृत अधिवक्ता के एक संबंधी बेलोरो लेकर पहुंचे तो पुलिस उक्त स्थल के लिए रवाना हुई। पुलिस उस स्थल पर दो घंटा बाद पहुंची जिससे अपराधियों को उन्हें पीट-पीट कर हत्या करने का मौका मिल गया। आमसभा के दौरान सदर थाना की पुलिस की लापरवाही को शर्मनाक बताया गया और अब तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। इस दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता इस मामले के किसी अभियुक्त की ओर से बचाव कार्य नहीं करेंगे। मंगलवार को न्यायिक कार्य को संपादित नहीं करेंगे और विरोध मार्च निकालेंगे। विरोध मार्च के बाद एसपी को ज्ञापन सौंपा जाएगा तथा उन्हें हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए 72 घंटा का अल्टीमेटम दिया जाएगा।
सभा को संघ के अध्यक्ष रामेश्वर राय, सचिव शशांक शेखर, मिथिलेश शाही, हरिहर ¨सह, रामनाथ शर्मा, भगवान राय, लक्ष्मण राय, राजेश शुक्ला, उमाशंकर प्रसाद, उमेश शाही, नागेश्वर राय, अशोक कुमार आदि ने संबोधित किया।
अधिवक्ता संघर्ष मोर्चा ने की शोक सभा
अधिवक्ता संघर्ष मोर्चा ने सोमवार को दिवंगत अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा की स्मृति में शोक सभा का आयोजन किया। स्थानीय गांधी चौक पर आयोजित शोकसभा के दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए अधिवक्ताओं ने दो मिनट का मौन रखा तथा ईश्वर से प्रार्थना की। शोक सभा के बाद मोमबत्ती जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इसके उपरांत आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने उनकी हत्या की तीव्र ¨नदा की तथा अधिवक्ताओं के लिए भारी क्षति बताया। अभियुक्तों की गिरफ्तारी में विफल साबित हो रही सदर थाना की पुलिस के पदाधिकारियों को तबादला करने तथा एक तेज तर्रार पुलिस पदाधिकारी को इस केस का अनुसंधान सौंपने की मांग भी एसपी से की गई। सभा के दौरान अमरेश कुमार ¨सह, विकास कुमार दूबे, शिशिर रंजन, रविशचंद्र, संजीव कुमार नीलम, रामनाथ सुमन, मनीष कुमार, राहुल कुमार, अंजुबाला, सगुफ्ता खान, मिथलेश प्रताप ¨सह, सत्येन्द्र कुमार ¨सह, शशांक शेखर ¨सह, विनोद कुमार शर्मा, नीरज कुमार, जय प्रकाश मोहन, सुमित कुमार, मुकेश रंजन, अशोक कुमार, राजकुमार दिवाकर, प्रभात कुमार, विपुल कुमार, वरुण कुमार, अनिल कुमार, महेश कुमार ¨सह, अरुण कुमार, जयमूरत शर्मा, मनोज कुमार, उपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, वीरेन्द्र कुमार क्रांति, अरविन्द कुमार, अनिशचंद्र गांधी आदि उपस्थित थे।
युवा अधिवक्ता समिति न्यायालय के कार्य से अलग रही
युवा अधिवक्ता समिति के सदस्यों ने सोमवार को अपने आप को न्यायालय के कार्य से अलग रखा। समिति ने एक बैठक आयोजित कर जिला प्रशासन से अधिवक्ता के हत्यारों को अबिलंव गिरफ्तार करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने बिहार सरकार से मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपए मुआवजा प्रदान करने की मांग की। इस दौरान निर्णय लिया गया कि जिला प्रशासन हत्यारों को जल्द गिरफ्तार नहीं करता है तो समिति जिला प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन को बाध्य हो जाएगी। मृत अधिवक्ता के परिजनों को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की गई। बैठक को संजय कुमार ¨सह, दिग्विजय कुमार, मुकेश कुमार, राजकुमार, अमरेश ¨सह, अरविन्द कुमार, सुनील कुमार सुमन, राजीव रंजन, राजु कुमार, रंजन कुमार, दीपक कुमार आदि ने संबोधित किया।
- हिन्दू पुत्र संगठन ने की हत्या की तीब्र ¨नदा
हिन्दू पुत्र संगठन की एक बैठक लोमा गांव में आयोजित की गई। इस बैठक के दौरान अधिवक्ता एवं हिन्दू पुत्र संगठन के राष्ट्रीय कोषध्यक्ष राजीव कुमार शर्मा की भू माफियाओं के द्वारा की गई निर्मम हत्या की तीव्र ¨नदा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए राजीव ब्रह्मर्षि ने कहा कि संगठन का निर्माण हिन्दू धर्म व भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस एक समय सीमा के अंदर अधिवक्ता के हत्यारों को गिरफ्तार करे नहीं तो हिन्दू पुत्र इसके खिलाफ सड़क पर उतर जाएंगे। हिन्दू पुत्र संगठन अपने हर एक कार्यकर्ता के सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। यह लड़ाई न्याय दिलाने वाले के न्याय की लड़ाई है।