डकैती की योजना में पकड़े गए युवक को चार वर्ष कारावास
हाजीपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम ब्रजेश नारायण मिश्र ने चार वर्ष पूर्व डकैती की योज
हाजीपुर। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अष्टम ब्रजेश नारायण मिश्र ने चार वर्ष पूर्व डकैती की योजना बनाने में सम्मिलित होने के मामले में एक व्यक्ति को चार वर्ष का सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर चार माह की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। घटना वर्ष 2012 की 6 नवम्बर की है। हाजीपुर नगर थाना की पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि स्थानीय डाकबंगला रोड स्थित मछली मंडी के निकट 8-10 संदिग्ध नवयुवक किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इसकी पुष्टि के लिए जब नगर थानाध्यक्ष कृष्ण मुरारी गुप्ता पुलिस जीप से बल के साथ घटनास्थल तक पहुंचे तो पुलिस को देखकर उक्त संदिग्ध युवक भागने लगे। पुलिस ने खदेड़कर इनमें से एक युवक को पकड़ लिया।
पकड़े गये युवक पूछताछ के दौरान अपने आपको मुजफ्फरपुर जिला के मनियारी थाना क्षेत्र के पुरुषोत्तमपुर गांव के मो. कलाम के रूप में पहचान बतायी। कड़ी पूछताछ के बाद उसने बताया कि उसके साथ बिदुपुर थाना क्षेत्र के ककरहट्टा गांव के मुकेश ¨सह, इसी थाना के बसतपुर ककरहट्टा गांव के राहुल कुमार, उफरौस ककरहट्टा गांव के राहुल कुमार, हाजीपुर जगदम्बा स्थान के विक्की उर्फ रोहित कुमार ¨सह, सदर थाना क्षेत्र के इस्माइलपुर गांव के राजू ठाकुर, पातेपुर थाना क्षेत्र के मौदह चतुर गांव के मो हबीब तथा साहेबगंज जिला के राजेपुर गांव के इलियास थे जो फरार हो गए। इस घटना को लेकर थानाध्यक्ष ने स्वयं नगर थाना में कांड संख्या 648-12 भादवि की धारा 399, 402 तथा शस्त्र अधिनियम के तहत अवैध आग्नेयास्त्र रखने, ¨जदा गोली रखने, डकैती की योजना बनाने, डकैती के नियत से तैयार होकर घात लगाकर बैठने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस मामले में पुलिस ने वर्ष 2013 के चार जनवरी को मो.कलाम तथा मो. हबीब के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किया था।
इस आरोप पत्र के आधार पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मो. कलाम तथा मो. हबीब के विरुद्ध संज्ञान लिया। इस मामले में लोक अभियोजक वीरेन्द्र नारायण ¨सह के निर्देशन में सहायक लोक अभियोजक ख्वाजा हसन तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता जगन्नाथ कुमार ज्वाला द्वारा साक्षियों को प्रतिपरीक्षण के पश्चात विगत 26 मई को मो. हबीब के भादवि की धारा 399 एवं 402 के तहत दोषी करार दिया गया था। इसी मामले में सोमवार को मो. हबीब के भादवि की धारा 399 के तहत चार वर्ष का सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं धारा 402 में चार वर्ष का सश्रम कारावास तथा एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।