सर्द हवा के साथ ठंड की मार, जनजीवन लाचार
विगत एक सप्ताह से क्षेत्र में ठंड के कहर से जनजीवन लाचार हो चुका है। कुहासे की चादर में लिपटी सुबह में ठंड का असर कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहा है।
सुपौल। विगत एक सप्ताह से क्षेत्र में ठंड के कहर से जनजीवन लाचार हो चुका है। कुहासे की चादर में लिपटी सुबह में ठंड का असर कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहा है। सर्दी से निजात पाने के लिए लोग जगह-जगह अलाव का सहारा ले रहे हैं। दिन में भी सूर्यदेव की लुका-छिपी के बीच ठंड का कहर जारी है। पिछले दो- तीन दिनों से धूप नहीं निकलने से लोग परेशान हैं। सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई है। गुरुवार सुबह से ही पछुआ हवा के तेज होने के साथ ही पारा लुढ़क गया। साथ ही रात चढ़ने के साथ ही हवा का कहर कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। यह अब तक जारी है। ठंड की वजह से लोग देर तक रजाई में ही दुबके रहते हैं। सड़कों पर चारपहिया व मोटरसाइकिल सवार सुबह में लाइट जला कर धीरे-धीरे चलते दिखे। ठंड व सर्द हवाओं के चलते लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। शाम होते ही लोग घरों में दुबक जा रहे हैं। बाजारों में चहल-पहल बिल्कुल ही कम हो गई है। वहीं करजाईन बा•ार सहित आसपास के किसी भी सार्वजनिक स्थलों एवं चौक-चौराहों पर प्रशासन की तरफ से अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। अलाव की व्यवस्था नहीं होने से बाजार आने वाले लोगों में रोष भी देखा जा रहा है। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से अविलंब क्षेत्र के बाजारों एवं चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था करने तथा लाचार परिवारों के बीच कंबल वितरण की मांग की है। वहीं ठंड के बढ़ने से अस्पतालों में कफ-कोल्ड, लेरिजाइटिस, कोल्ड डायरिया, वायरल डायरिया के मरीज कुछ ज्यादा ही बढ़ गए हैं।
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गेहूं की फसल के लिए लाभदायक विगत एक सप्ताह से जारी कड़ाके की ठंड एवं कुहासा गेहूं की फसल के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। किसानों एवं कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि धूप के चलते कुछ दिन पहले गेंहू की फसल में बीमारी का प्रकोप शुरू हो गया था। मौसम में परिवर्तन से किसान खुश हैं।