महंगाई का तड़का, सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का बजट
संवाद सूत्र सरायगढ़ (सुपौल) सब्जी नहीं रहने के कारण खाने का स्वाद भी बिगड़ने लगा है। सब्जि
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल): सब्जी नहीं रहने के कारण खाने का स्वाद भी बिगड़ने लगा है। सब्जियों के दाम आसमान पर होने के कारण आमलोग महंगाई की मार से त्रस्त हैं। सब्जियों के दामों में एकाएक उछाल आने से आम आदमी अब सब्जियों को कम ही मात्रा में खरीदने पर मजबूर हैं। सब्जी में तड़का लगाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले प्याज से लेकर लौकी तक के दामों में उछाल आ गया है। ऐसे में आम आदमी को सब्जी खरीदने से पहले कई बार सोचना पड़ रहा है। इसके पीछे का कारण सब्जियों की सप्लाई कम होना बताया जा रहा है। मंडी में आवक कम होने के कारण इनकी कीमत हर दिन बढ़ रही है। ऐसे में लोगों की थाली से सब्जी गायब होने लगी है। करेला तो करेला, अब तो भिडी का स्वाद भी लोगों को कड़वा लगने लगा है। एक पखवाड़े से अचानक सब्जियों के दामों में हुई बढ़ोतरी से आम और खास, दोनों वर्ग के लोग परेशान हो उठे हैं।
वैसे तो बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ ही हरी सब्जियों की कीमत में वृद्धि प्रारंभ हो गई थी, लेकिन हाल के समय में इसकी कीमतें और बढ़ गई है। वर्तमान समय में बाजार में कोई भी हरी सब्जी 60 रुपये प्रति किलो ग्राम से नीचे नहीं है। बाजार में 50 से 60 रुपया किलो बैगन और भिडी 50 रुपया किलो के दाम सुन कर ही सब्जी खरीदने मंडी जाने वाले लोगों के होश उड़ जा रहे हैं। इस समय बाजार में गोभी 120 रुपया किलो तो परवल 80 से 100 रुपया किलो बिक रहा है। हर सब्जी के स्वाद में तीखापन लाने के काम आने वाली मिर्च की कीमत सब्जियों के स्वाद को फीका कर दे रही है। बाजार में शिमला मिर्च के साथ ही हरी मिर्च 100 रुपये किलो पहुंच गई है। जबकि आलू व प्याज की कीमत में भी हर दिन उछाल हो रहा है। सब्जी व्यवसायियों की मानें सब्जियों की कीमत में अभी और उछाल आने के आसार हैं। सब्जी की कीमत में लगातार उछाल के कारण रसोई का जायका भी बिगड़ता जा रहा।
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सब्जी मंडी में टमाटर 80 से 90 रुपए किलो, आलू 35 रुपए किलो, भिडी 60 से 65 रुपए किलो, परवल 80 रुपये किलो, कद्दू 30 रुपए किलो, पालक 40 रुपए किलो, साधारण हरि मिर्च 100 रुपए, बोरा 50 रुपए प्रतिकिलो, करेला 60 रुपए और प्याज 50 रुपए किलो, बंधा गोभी 50 रुपये प्रतिकिलो अन्य सब्जियों के भाव भी 40 रुपए किलों के आसपास है।
---------------------------- क्या कहती है गृहणियां
रेणु देवी, सावित्री देवी, श्यामवती देवी आदि का ने बताया कि दिनभर मजदूरी करने पर बमुश्किल ढाई सौ रूपए मिलता है। इस महंगाई में सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। बताया कि सब्जियों के बढ़ते दाम के कारण सब्जी खाना मुश्किल हो गया है। गरीब आदमी आसमान छू चुकी सब्जी के दाम के कारण सब्जी थाली से गायब हो गया है। सब्जी, प्याज अब गरीबों के लिए दिवास्वप्न हो गया है।