पुलिस की कार्यशैली पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने लिया संज्ञान
पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना के नेतृत्व में भाजपा का एक शिष्टमंडल डीएम व एसपी से मिला। विजयादशमी के दिन मेला देखने जा रहे पूरे परिवार के साथ घटी घटना नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म एक महिला की हत्या के संदर्भ में अब तक की पुलिस की कार्रवाई को लेकर जिलाधिकारीपूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना के नेतृत्व में भाजपा का एक शिष्टमंडल डीएम व एसपी से मिला। विजयादशमी के दिन मेला देखने जा रहे पूरे परिवार के साथ घटी घटना नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म एक महिला की हत्या के संदर्भ में अब तक की पुलिस की कार्रवाई को लेकर जिलाधिकारी को समर्पित ज्ञापन में कहा है कि को समर्पित ज्ञापन में कहा है कि
जागरण संवाददाता,सुपौल: विजयादशमी का मेला देखने जा रहे एक पूरे परिवार के साथ हुई वारदात,नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, बचाव में सामने आई नाबालिग की बहन की गोलीमार हत्या मामले में पुलिस की कार्यशैली को जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने गंभीरता से लिया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार सुपौल के सचिव प्रदीप कुमार चौधरी ने पुलिस अधीक्षक सुपौल के माध्यम से पुलिस उपाधीक्षक वीरपुर से कारणपृच्छा समर्पित करने को कहा है। दिए पत्र में कहा गया है कि प्रतापगंज थाना कांड संख्या 100/19 में परिजनों के साथ भेंगा धार के समीप जघन्य अपराध सामूहिक बलात्कार, मारपीट एवं लूटपाट की घटना हुई। पीएलभी के प्रयास से काफी विलंब से प्राथमिकी दर्ज की गई एवं जख्मियों के इलाज होने में काफी विलंब हुआ जिस कारण एक जख्मी की मृत्यु हो गई। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सुपौल ने डीएसपी वीरपुर से अपना कारणपृच्छा समर्पित करने को कहा है कि इस घटना की प्राथमिकी दर्ज होने में एवं पीड़िता सहित जख्मियों के इलाज में इतना विलंब क्यों हुआ? आपके द्वारा इस संबंध में दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? सचिव ने कहा है कि पत्र प्राप्ति के सात दिनों के अंदर इसका जवाब अधोहस्ताक्षरी को प्राप्त कराएं अन्यथा उचित अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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18 घंटे तक सीमांकन में उलझा रहा मामला, 24 घंटे बाद दर्ज हुई प्राथमिकी
नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना में तकरीबन 7 की संख्या में रहे अपराधियों ने पुरूष सदस्यों के हाथ बांध दिये और नाबालिग सहित महिला सदस्य के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इस घटना में जब नाबालिग लड़की के साथ अपराधियों ने दुष्कर्म करने की कोशिश की तब उसकी बड़ी बहन ने उसे बचाने के लिए संघर्ष किया। ऐसे में अपराधियों ने उसे दो गोली मारी। एक गोली उसे सीने में और एक हाथ में मारी गई। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पुलिस की कार्रवाई ये रही कि वे इसे साधारण घटना यानी छिटपुट हत्या का मामला बता कर रफा-दफा करने में लगी थी। जबकि यह घटना निर्भया कांड की तरह दिल दहला देने वाली है। पुलिस की उदासनीता का एक ऐसा चेहरा सामने आया कि घटना के 18 घंटे तक पुलिस ने इस मामले को सीमांकन में उलझा कर रखा और कहा कि मेरे थाना क्षेत्र की यह घटना नहीं है। फिर 24 घंटे बाद प्राथमिकी प्रतापगंज थाने में दर्ज हुई।