जिसका लाइसेंस किया निलंबित उसे ही कर दी 95 एमटी खाद की आपूर्ति
सुपौल। कृषि विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है। विभाग ने जिस उर्वरक विक्रेता का लाइसे
सुपौल। कृषि विभाग का एक नया कारनामा सामने आया है। विभाग ने जिस उर्वरक विक्रेता का लाइसेंस हेराफेरी मामले में निलंबित कर दिया था, उसे निलंबन के महज एक दिन बाद ही उसे 95 मिट्रिक टन (एमटी) उर्वरक की आपूर्ति कर दी गई। यह सारा खेल ऑनलाइन सिस्टम के काम करते हुआ है।
जिला कृषि पदाधिकारी ने 8 अगस्त को जिले के 10 उर्वरक विक्रेताओं का लाइसेंस सस्पेंड किया था। इनमें से एक बिस्कोमान कृषक सेवा केंद्र राघोपुर भी है। कृषि निदेशक ने समीक्षा के दौरान वित्तीय वर्ष 2019-20 में इन 10 खाद विक्रेताओं को फर्जी किसानों के नाम पर गैर आधार कार्ड की बिक्री कर करोड़ों रुपये का खाद अनुदान में घोटाले के मामले को पकड़ा था। इसमें ही जिला कृषि पदाधिकारी ने उर्वरक विक्रेताओं को निलंबन की कार्रवाई और स्पष्टीकरण मांगा। कृषि पदाधिकारी ने तब कहा था कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इनका लाइसेंस रद किया जाएगा।
इधर निलंबन की कार्रवाई के एक दिन बाद यानी 10 अगस्त को निलंबित किए गए बिस्कोमान कृषक सेवा केंद्र राघोपुर को विभाग ने 95 एमटी इफको खाद की आपूर्ति कर दी गई। इसमें डीएपी 25 एमटी, यूरिया 45 एमटी, तथा अन्य उर्वरक 25 एमटी है।
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लॉक क्यों नहीं किया गया पीओएस
सरकार का नियम है कि जब किसी विक्रेता पर कार्रवाई की जाती है तो सबसे पहले उसके पीओएस मशीन को ऑनलाइन लॉक किया जाता है। यह कार्य जिला कृषि पदाधिकारी के जिम्मे रहता है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि उनकी पीओएस मशीन को लॉक क्यों नहीं किया गया?
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मेरे संज्ञान में नहीं है कि निलंबित उर्वरक विक्रेता बिस्कोमान कृषक सेवा केंद्र राघोपुर को उर्वरक की आपूर्ति की गई है। अगर ऐसा हुआ है तो गलत हुआ है। मैं स्वयं इसकी जांच कर कार्रवाई करूंगा।
समीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी