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खाद अनुदान घोटाला में 10 विक्रेताओं का लाइसेंस सस्पेंड

सुपौल। वित्तीय वर्ष 2019-2020 अंतर्गत खाद विक्रेताओं के द्वारा फर्जी किसान के नाम पर गैर आधार ख

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 06:27 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:27 PM (IST)
खाद अनुदान घोटाला में 10 विक्रेताओं का लाइसेंस सस्पेंड
खाद अनुदान घोटाला में 10 विक्रेताओं का लाइसेंस सस्पेंड

सुपौल। वित्तीय वर्ष 2019-2020 अंतर्गत खाद विक्रेताओं के द्वारा फर्जी किसान के नाम पर गैर आधार खाद की बिक्री कर अनुदान घोटाला किए जाने मामले में जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) सुपौल समीर कुमार ने जिले के 10 खुदरा खाद व्यापारी पर कार्रवाई की है। डीएओ ने तत्काल प्रभाव से दसों खाद व्यापारी का लाइसेंस निलंबित कर दिया है और उनके खाद बिक्री पर रोक लगा दी है। डीएओ ने ऐसे अनुज्ञप्तिधारी विक्रेताओं से तीन दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है अन्यथा अग्रेतर कार्रवाई होगी।

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करोड़ों रुपये का खाद अनुदान में घोटाला का मामला कृषि विभाग के समीक्षा के दौरान उजागर हुआ है। बिहार राज्य में खुदरा खाद विक्रेताओं द्वारा पीओएस मशीन के माध्यम से खाद की बिक्री के लिए गैर आधार लेन देन की प्रक्रिया 41 प्रतिशत से अधिक एवं खाद की गैर आधार बिक्री की प्रक्रिया भी 56 प्रतिशत से अधिक है। बिहार कृषि निदेशक पटना ने जिला कृषि पदाधिकारी सुपौल को पत्र लिखकर फर्जी किसान के नाम पर खाद की बिक्री करने वाले जिले के खुदरा खाद विक्रेताओं के लाइसेंस को तीन दिनों के अंदर रद्द करने का आदेश दिया है। बिहार कृषि निदेशक ने अपने कार्यालय पत्रांक 421 दिनांक पांच अगस्त 2020 के द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी सुपौल को पत्र लिखकर कहा है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 अंतर्गत पॉस मशीन से खाद की बिक्री की समीक्षा की गई। जिसमें यह ज्ञात हुआ कि राज्य में खुदरा खाद विक्रेताओं द्वारा पॉस मशीन के माध्यम से उर्वरक की बिक्री के लिए गैर आधार लेनदेन की प्रक्रिया 41 प्रतिशत से अधिक एवं उर्वरक की गैर आधार बिक्री की प्रक्रिया भी 56 प्रतिशत से अधिक है। इस गैर आधार लेनदेन की प्रक्रिया में सुपौल जिले में किसानों के फर्जी नामों का दुरुपयोग कर खाद विक्रेताओं द्वारा काफी मात्रा में खाद की बिक्री की गई है। निदेशक ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा है कि पूरे राज्य में खाद की बिक्री पॉस मशीन के माध्यम से ही किया जाना एक मात्र विकल्प है। पॉस मशीन से खाद की बिक्री के उपरांत ही खाद कंपनियों के अनुदान की राशि का भुगतान सरकार के द्वारा किया जाता है। इसीलिए यह जरूरी है कि खाद की बिक्री पॉस मशीन के माध्यम से किसानों के वास्तविक आधार पहचान पत्र पर ही की जाए। लेकिन इस आदेश का उल्लंघन कर जिले के 20 खुदरा विक्रेताओं द्वारा फर्जी किसानों के नाम पर खाद की बिक्री की गई है। निदेशक ने पूर्ण साक्ष्य के साथ खाद विक्रेताओं की सूची भेजते हुए एफसीओ 1985 का उल्लंघन करने वाले खाद विक्रेताओं का लाइसेंस रद कर तीन दिनों के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है। निदेशक ने पत्र में चेतावनी भी दी है कि कार्य में शिथिलता बरतने पर जिला कृषि पदाधिकारी स्वयं जिम्मेवार होंगे एवं उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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ये हैं कार्रवाई की जद में

-कृषक सेवा केंद्र राघोपुर

-संभवी ट्रेडर्स बसंतपुर

-शिवशक्ति ट्रेडर्स बसंतपुर

-ओम इंटरप्राइजेज सुपौल

-मनीषा ट्रेउगि किसनपुर

-साईं सीड्स निर्मली

-अमन ट्रेडर्स प्रतापगंज

-भोलू खादबीज भंडार प्रतापगंज

-कृषक सेवा केंद्र सूखानगर प्रातपगंज

-कृषक सेवा केंद्र त्रिवेणीगंज


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