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सरकारी फरमान का नहीं हो रहा पालन, कैसे काबू हो पाएगा संक्रमण

सुपौल। कोरोना संक्रमण के फैलाव में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। चार दिन में जिले म

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:06 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:06 PM (IST)
सरकारी फरमान का नहीं हो रहा पालन, कैसे काबू हो पाएगा संक्रमण
सरकारी फरमान का नहीं हो रहा पालन, कैसे काबू हो पाएगा संक्रमण

सुपौल। कोरोना संक्रमण के फैलाव में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। चार दिन में जिले में संक्रमण के 198 नए मामले आ चुके हैं। अब तक जिले में संक्रमण के कुल 751 मामले सामने आ चुके हैं और वर्तमान में संक्रमण के 237 एक्टिव मामले हैं। संक्रमण का मामला बढ़ता ही चला जा रहा है। प्रत्येक दिन संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं और संक्रमण के मामले में इजाफा होता ही चला जा रहा है। बिहार सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए 31 जुलाई तक के लिए पूरे बिहार में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान बेवजह आने-जाने की मनाही है और बिना आवश्यक काम के सड़क पर निकलने वाले लोगों के वाहन जब्त किए जाने के आदेश जारी किए हैं। बिना मास्क के पकड़े जाने पर जुर्माना भरने की भी बात कही गई है। मुख्यालय में लॉकडाउन को प्रभावी बनाने हेतु दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा जिला मुख्यालय में लॉकडाउन के दौरान गश्ती को लेकर गश्ती दल दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। लॉकडाउन की सफलता को लेकर प्रशासन थोड़ा सख्त हुआ है। लॉकडाउन की परिधि से अलग रखे गए दुकानों के अलावे खुल रहे अन्य दुकानों पर कार्रवाई भी की गई। मास्क का चलन तो बढ़ा है, कितु सोशल डिस्टेंसिग का अभी सही से पालन नहीं हो रहा है। प्रशासनिक सख्ती के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं और संक्रमण विस्फोट की ओर बढ़ रहा है। इससे बचाव का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिग बताया जा रहा है, कितु लोग इसे भी दरकिनार कर रहे हैं। सरकार द्वारा 31 जुलाई तक के लिए घोषित लॉकडाउन के दौरान मंगलवार को बाजार में चहल-पहल दिखी। ऐसा लग रहा था मानो लॉकडाउन या संक्रमण से लोगों को कोई लेना देना नहीं। बढ़ रहे संक्रमण से बेखौफ लोग बाजार में चहलकदमी और खरीदारी करते दिखे। फुटपाथ पर बाजार पसरा हुआ नजर आया। गाड़ियों की आवाजाही भी सड़कों पर बढ़ चली है। इतना ही नहीं ऑटो में भेड़-बकरियों की तरह एक बार फिर से सवारियों को लादा जाने लगा है। एक-एक ऑटो पर 10-12 की संख्या में सवारी को बिठाया जाता और गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। शायद इस और देखने की प्रशासन को फुर्सत तक नहीं। लॉकडाउन का असर जिले के अन्य प्रखंडों में दिखाई नहीं दे रहा है। आम दिनों की तरह ही प्रखंडों में दुकानें खुल रही हैं और कारोबार चल रहा है। लॉकडाउन से अलग रखी गई दुकानें के अलावे भी अन्य दुकानें प्रखंडों में धड़ल्ले से खुल रही हैं। चाय-नाश्ते की कौन कहे कपड़े और रेडिमेड की दुकान तक धड़ल्ले से खुल रही है। सरकारी फरमान का पालन होता तो कहीं दिख ही नहीं रहा। एक ओर लोग संक्रमण से भयभीत है तो दूसरी ओर लॉकडाउन का मजाक उड़ाया जा रहा है। ऐसे में संक्रमण पर कैसे काबू पाया जा सकेगा।

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