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ये भी वोटर : कमाने नहीं जाएंगे तो खाएंगे क्या..

- बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच पंजाब सहित अन्य जगहों पर काम बढ़ने से नेशनल हाइ

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 06:40 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 06:40 PM (IST)
ये भी वोटर : कमाने नहीं जाएंगे तो खाएंगे क्या..
ये भी वोटर : कमाने नहीं जाएंगे तो खाएंगे क्या..

- बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच पंजाब सहित अन्य जगहों पर काम बढ़ने से नेशनल हाईवे पर प्रतिदिन सैकड़ों मजदूरों की भीड़ दिखाई दे रही है

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-ऐसे मजदूर दूर-दूर के सेलर मालिकों द्वारा भेजी गई बसों में सवार होकर पलायन कर रहे हैं

विमल भारती, सरायगढ़ (सुपौल): बिहार में हो रहे विधानसभा चुनाव के बीच पंजाब सहित अन्य जगहों पर सेलर में काम बढ़ने से नेशनल हाईवे पर प्रतिदिन सैकड़ों मजदूरों की भीड़ दिखाई दे रही है। ऐसे मजदूर दूर-दूर के सेलर मालिकों द्वारा भेजी बसों में सवार होकर पलायन कर रहे हैं। स्थिति यह है कि हाईवे पर प्रतिदिन कम से कम 50 बस मजदूरों को लेकर खुलती है। प्रत्येक बस में मजदूर खचाखच भरे होते हैं। जानकारी अनुसार पंजाब, हरियाणा, लुधियाना सहित अन्य जगहों के सेलर मालिक तथा ठेकेदारों का सीधा संपर्क गांव तक बना हुआ है और उसी आधार पर वहां से लग्जरी बस भेज कर मजदूरों को ले जा रहे हैं। मजदूर को जाने में परेशानी नहीं हो इसके लिए भाड़ा का भी बंदोबस्त संबंधित ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। उतना ही नहीं बाहर जाने वाले मजदूरों के घर में पैसे की कमी ना हो उसकी भी भरपाई कर दी जा रही है। विधानसभा चुनाव से बेखबर मजदूर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए परदेस जाने में किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट महसूस नहीं करते हैं। सोमवार को हाईवे पर बस के इंतजार में खड़े कई मजदूरों ने कहा कि चुनाव में वोट देने भर से पेट नहीं भर जाएगा। गांव में कोई काम नहीं रह गया है। कोविड-19 के दौरान हुए लॉकडाउन में वे सभी घर को लौट गए थे जिसमें भारी नुकसान दिखाई दे रहा है। मजदूरों ने बताया कि 06 माह से अधिक समय से घर पर रहने के कारण कर्ज का बोझ बढ़ गया और ऐसे में बाहर जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है। मजदूरों ने बताया कि चुनाव तो आते रहता है लेकिन उसके चलते कमाई नहीं छोड़ी जा सकती। यह पूछे जाने पर कि आखिर चुनाव में सरकार बनाने में सबकी भागीदारी आवश्यक है और इसके लिए घर पर रहना आवश्यक है तो मजदूरों ने कहा कि इस बार महिलाएं ही वोट करेगी। मजदूरों का कहना था कि अभी तो जाने और फिर घर वापस आने तक की व्यवस्था ठेकेदार और सेलर मालिकों द्वारा की जा रही है। बाद में उन सबों को अपने-अपने पैसे से जाना पड़ेगा जिसमें परेशानी होगी। इसी कारण वह सब चुनावी समय रहने के बाद भी बाहर जा रहे हैं।


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