जमीन रहते नहीं बन रहा विद्यालय का भवन, हो रही परेशानी
शिक्षा विभाग की सरकारी घोषणाएं प्रखंड क्षेत्र की नगर पंचायत निर्मली में फलीभूत होता नहीं दिख रहा है। एक तरफ सरकार भूमिहीन विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध कराने के नाम पर जी तोड़ कोशिश में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ जिन विद्यालय के पास वर्षों से भूमि उपलब्ध है वैसे विद्यालय को भवन बनाने के लिए सरकार राशि आवंटन नहीं कर रही है।
संवाद सहयोगी, निर्मली (सुपौल)। शिक्षा विभाग की सरकारी घोषणाएं प्रखंड क्षेत्र की नगर पंचायत निर्मली में फलीभूत होता नहीं दिख रहा है। एक तरफ सरकार भूमिहीन विद्यालयों के लिए भूमि उपलब्ध कराने के नाम पर जी तोड़ कोशिश में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ जिन विद्यालय के पास वर्षों से भूमि उपलब्ध है वैसे विद्यालय को भवन बनाने के लिए सरकार राशि आवंटन नहीं कर रही है। यह कैसी विडंबना है। सरकारी घोषणाओं की पोल निर्मली नगर स्थित प्राथमिक विद्यालय कुम्हार टोला खोल रही है। 2014 में ही उक्त विद्यालय को जमीन उपलब्ध हुई कितु विभागीय लापरवाही एवं लचर व्यवस्था के कारण आज तक विद्यालय को भवन बनाने के लिए राशि आवंटन नहीं हुआ है। नतीजा विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को वर्षा एवं धूप में पढ़ाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मंगलवार की दोपहर विद्यालय के बच्चे टीन की एक झोपड़ी में दोपहर का भोजन कर रहे थे। जगह इतनी कम कि भोजन करने बैठे बच्चों को इधर-उधर घूमने में भी दिक्कत हो रही थी। इसी बीच वर्षा हो गई तो बच्चों के बीच अफरा तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। कई बच्चे वर्षा से बचने के लिए एक वृक्ष के नीचे आ गए। कई भोजन किए स्थान पर ही भीड़ एकत्रित कर खड़े रहे। ज्ञातव्य हो कि विद्यालय में कार्यरत रसोईया पुनकला देवी के द्वारा विद्यालय के नाम से एक कट्ठा 5 धूर जमीन निबंधित केवाला के माध्यम से दान दी गई है। फिलहाल वे सेवानिवृत्त हो गई है कितु विभाग के द्वारा आज तक विद्यालय भवन निर्माण के लिए राशि का आवंटन नहीं किया है। बच्चे विद्यालय भवन के अभाव में जैसे तैसे पढ़ाई कर रहे हैं। इस संबंध में पूछने पर प्रधान शिक्षक दिनेश कुमार साह ने बताया कि विद्यालय को जमीन उपलब्ध हुए 08 वर्ष होने को है। विद्यालय के नाम से जमाबंदी कायम होकर रेंट रसीद भी कट रहा है। इसकी सूचना शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को कई बार दी गई है। बावजूद आज तक किसी अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। आश्चर्य की बात यह है कि सरकारी आदेशानुसार भवनहीन विद्यालय को नजदीकी भवनयुक्त विद्यालय में टैग किया जाना है ताकि बच्चों को जब तक उक्त विद्यालय का भवन निर्माण नहीं हो जाता है तब तक पढ़ाई में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो। इन सब बातों को ताक पर रखते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने प्राथमिक विद्यालय कुम्हार टोला को आज तक किसी भवनयुक्त विद्यालय में टैग भी नहीं किया है। आखिर इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य कैसे बनेगा। कब तक विभाग विद्यालय को भवन बनाने के लिए राशि का आवंटन करेगा। यह सवाल विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों एवं विद्यालय को भूमि दान देनेवाली रसोईया पुनकला देवी के जेहन में उठ रहा है।