रहुनमाई की पड़े नजर तो प्रतिभा को लगने लगे पंख
कोसी की यह पावन धरती राजनीतिक रूप से काफी उर्वर रही है। यहां की माटी में जन्मे पले बढ़े कई सपूतों ने केंद्र और राज्य की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। यहां के राजनीतिज्ञ भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर रहे हैं। 70 एवं
सुपौल। लोकसभा चुनाव की गर्माहट के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे भी अब गरमाने लगे हैं। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्रीय मुद्दे गौण होते जा रहे हैं। कोशी के कछार में बसे वीरपुर अनुमंडल क्षेत्र की बेटियों एवं युवाओं के सपनों को भी पंख लगे यह बात अब लोगों की जुबा से निकलने लगी हैं। इस क्षेत्र के बेटियों के सपने को भी हकीकत में बदलने की बात जोर-शोर से उठ रही है। क्षेत्र की छात्राओं से बात करने में उनकी जुबान पर बस एक ही बात है कि शिक्षा के क्षेत्र में यह इलाका अब भी बहुत पिछड़ा है। यहां के बेटियों के लिए पूरे राघोपुर प्रखंड में सिर्फ एक गर्ल्स हाई स्कूल है। प्रखंड क्षेत्र में एक भी महिला महाविद्यालय नहीं होने का मलाल साफ दिख रहा है। छात्राओं का यह सपना कब हकीकत में बदलेगा इसका उन्हें इंतजार है। वहीं युवा वर्ग भी उच्च शिक्षा के लिए अंगीभूत स्नातक स्तरीय महाविद्यालय के लिए लालायित है। पूरे राघोपुर प्रखंड में एक भी अंगीभूत स्नातक स्तरीय महाविद्यालय नहीं रहने से यहां के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए भटकना पड़ता है। खासकर लड़कियों को काफी दिक्कतें होती हैं। इस क्षेत्र की हालत यह है कि पूरे वीरपुर अनुमंडल में एकमात्र अंगीभूत स्नातक स्तरीय महाविद्यालय वीरपुर में स्थित है। लेकिन यहां भी वाणिज्य संकाय की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। साथ ही यह महाविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मियों एवं अन्य समस्याओं से जूझ रहा है। इसलिए यहां भी सुविधाजनक पढ़ाई नसीब नहीं हो रही है। शिक्षा के मामले में अगर जनता के रहनुमा थोड़ी भी रहमदिली दिखा दें तो यहां की प्रतिभाओं को पंख लग जाएंगे।