मासूम से दुष्कर्म मामले में आरोपी को दस वर्ष का कारावास
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में उपलब्धियों के आधार पर माह जनवरी 2020 के लिए जिलों की रैंकिग निर्धारित की गई है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने बुधवार को बिहार के 3
सुपौल। चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के एक मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट के अशोक कुमार सिंह की कोर्ट ने सुनवाई उपरांत दुष्कर्मी को 10 वर्ष कारावास तथा 10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला महिला थाना कांड संख्या 49/16 तथा पोक्सो 19/16/ईआर 110/19 से संबंधित है। जिसमें छातापुर थाना क्षेत्र निवासी कमलेश कुमार ने एक 4 वर्षीय बच्ची को अपने हवस का शिकार बनाया था। मामले को लेकर पीड़िता की मां ने थाना में मामला दर्ज करवाया था। दर्ज मामले में उन्होंने कहा था कि 3 जून 2016 को हाट चली गई थी। उनकी 4 वर्षीय बेटी घर पर ही खेल रही थी। इसी क्रम में गांव के ही कमलेश कुमार आया और उनके बेटी को दुलार कर ले गया और उसके साथ मुंह काला किया। जब बच्ची जोर-जोर से चिल्लाने लगी उसे वहीं छोड़कर भाग गया। हाट से वापस लौटने पर जब बच्चे के रोने पर वह वहां पहुंची तो बच्ची ने कमलेश के द्वारा किए गए करतूत को बताया। बाद में देखने पर बच्ची का गुप्तांग जख्मी पाया गया। सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने कमलेश कुमार को दोषी करार करते हुए पोक्सो के धारा 6 के तहत 10 वर्ष तथा 10 हजार अर्थदंड, भादवि की धारा 341 के तहत 1 माह का कारावास की सजा सुनाई है। सुनाए गए अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि अर्थदंड की राशि नहीं देने पर अतिरिक्त 6 माह की सजा भुगतनी होगी तथा पूर्व में कारा में बिताए गए समय को सजा में समाहित किया जाएगा। कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में आगे कहा गया है कि चुकी दोषी करार दिए गए अभियुक्त की उम्र 21 वर्ष से कम है। इसीलिए इन्हें संरक्षण और सुधार के लिए बाल संरक्षण स्थल शेखपुरा बिहार भेजा जाता है। उसे 21 वर्ष पूरा होने पर कारावास में सजा की अवधि भुगतनी होगी। इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक अंजना कुमारी तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नंदकिशोर यादव ने बहस में हिस्सा लिया।