श्रीमद भागवत कथा का हवन के साथ हुआ समापन
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में उपलब्धियों के आधार पर माह जनवरी 2020 के लिए जिलों की रैंकिग निर्धारित की गई है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने बुधवार को बिहार के 3
सुपौल। भगवान श्रीकृष्ण सच्चिदानंद ब्रह्मा है जिनके चरणों में नमन करने से जीव सर्वथा पाप विमुक्त हो जाता है। उक्त बातें वृंदावन से पधारे कथावाचक राज ऋषि मुकुंद जी महाराज ने एक निजी स्कूल गणपतगंज के प्रांगण में विगत 30 जनवरी से चल रहे सतचंडी यज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन गुरुवार को अपने अमृत वचन में कहा। कथा स्थल पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भागवत कथा के अंतिम दिन श्रीकृष्ण रुक्मणी विवाह महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। आओ मेरी सखियों मुझे मेहंदी लगा दो जैसे भजन पर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह नजर आया। श्रद्धालुओं के जनसैलाब के आगे कथा स्थल पर जगह छोटा पड़ गया। कथा के दौरान भक्ति भजनों पर महिलाएं-पुरुष झूमते नजर आये। 9 दिनों तक गणपतगंज बाजार सहित आसपास का पूरा इलाका भक्ति भजनों से गूंजायमान होता रहा। श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भागवत पूजन करते हुए व्यास पूजन भी किया। क्षेत्रीय लोगों के द्वारा कथा व्यास राजऋषि मुकुन्द जी का भव्य स्वागत किया गया तथा दीक्षांत समारोह में अनेक लोगों ने राजऋषि मुकुन्द जी महाराज से दीक्षा भी ली।
कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास राजऋषि मुकुन्द जी महाराज ने दाम्पत्य जीवन पर प्रवचन करते हुए कहा कि पति पत्नी गृहस्थ जीवन रूपी गाड़ी के दो पहिये हैं। एक में भी कमी आई तो परिवार को टूटने से कोई नहीं बचा सकता। कथा में सुदामा चरित्र का भाव पूर्ण वर्णन किया गया। उन्होंने कहा कि यदि आप पिता हैं तो अपनी संतान को ऐसे संस्कार जरूर देना कि वे सदा जीवन में राष्ट्र के काम आवे। कथा का समापन हवन के साथ किया गया।
मौके पर आयोजक परिवार के मोहन प्रतिहस्त, पंडित नवल किशोर, विमल कृष्ण, प्रदेश महासचिव महिला प्रकोष्ठ राजद कुमारी मधु, शिक्षक संघ के अंचल सचिव सिकेंद्र प्रसाद यादव, अरुण जायसवाल, शिबू चौधरी, महेंद्र सिंह, योगेंद्र यादव, संतोष सिंह, मोहन परिहस्त, सोहन परिहस्त, शुभ परिहस्त, गौरव कुमार, सरयुग यादव आदि लोग उपस्थित थे।