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41 लाख के फर्जीवाड़े में डीईओ व डीपीओ दोषी, डीएम ने की कार्रवाई

बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में उपलब्धियों के आधार पर माह जनवरी 2020 के लिए जिलों की रैंकिग निर्धारित की गई है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने बुधवार को बिहार के 3

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:53 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 05:53 PM (IST)
41 लाख के फर्जीवाड़े में डीईओ व 
डीपीओ दोषी, डीएम ने की कार्रवाई
41 लाख के फर्जीवाड़े में डीईओ व डीपीओ दोषी, डीएम ने की कार्रवाई

सुपौल। दैनिक जागरण सुपौल के संस्करण में 41 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा से संबंधित समाचार प्रकाशित होने के बाद भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान के द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में परिवाद दायर किया गया। सुनवाई के दौरान शिक्षा प्रक्षेत्र के अंतर्गत सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 41 लाख रुपये की पांच योजनाओं में अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा का मामला प्रमाणित हुआ है। उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय समिति द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन के आलोक में जिलाधिकारी सुपौल ने 41 लाख रुपए की वित्तीय अनियमितता के लिए दोषी तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी हारूण रशीद, डीपीओ अमर भूषण एवं संचिका प्रभारी सुनील कुमार के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग पटना से अनुशंसा की है। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अशोक कुमार झा ने परिवाद की सुनवाई के दौरान अंतिम आदेश पारित कर 30 दिनों के अंदर दोषी के विरूद्ध कार्रवाई कर अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश जिला योजना पदाधिकारी सुपौल को दिया था।

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दैनिक जागरण में छपी खबर पर डीएम ने लिया संज्ञान

दैनिक जागरण सुपौल के संस्करण 21 जनवरी 2019 को सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अनुमोदित योजना बेंच डेस्क एवं अन्य सामान के क्रय में हुई 41 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा से संबंधित समाचार प्रकाशित हुआ था। समाचार प्रकाशन के बाद डीएम ने संज्ञान लेते हुए अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था। जिसमें सदस्य के रूप में वरीय कोषागार पदाधिकारी एवं जिला योजना पदाधिकारी सुपौल को नामित किया गया था। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अशोक कुमार झा ने बिहार सरकार द्वारा निर्गत निर्देश का हवाला देते हुए इस मामले की जांच से इन्कार कर दिया। तत्पश्चात डीडीसी को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया।

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बिना टेंडर के ही हुई आपूर्ति

सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित योजना बेंच-डेस्क, कॉमन रूम और लेबोरेट्री के फर्नीचर सामग्री की आपूर्ति करनी थी। जिला योजना कार्यालय द्वारा 16 मार्च 2016 को शिक्षा विभाग की 5 योजनाओं के लिए 51 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। जिला योजना पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कार्यकारी एजेंसी नियुक्त करते हुए टेंडर कर सामान क्रय करने का आदेश दिया। 5 मई 2016 को 25 लाख 50 हजार रुपये तथा 18 मई 2017 को 16 लाख रुपये जिला शिक्षा पदाधिकारी को उपलब्ध कराई गई। तत्कालीन डीपीओ ने बिना टेंडर प्रकाशित किए 20 अप्रैल 2016 को कार्यालय आदेश जारी कर सहरसा के एक कंपनी को सामान आपूर्ति का आदेश दिया तथा सामान की खरीदारी कर ली गई।

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भ्रष्टाचार मुक्त जागरूकता अभियान ने दायर किया परिवाद

सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम में वित्तीय अनियमितता को लेकर भ्रष्टाचार मुक्त अभियान से जुड़े आरटीआई कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष परिवाद दायर कर दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई का अनुरोध किया था। सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त कर उन्होंने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी के विरूद्ध साक्ष्य समर्पित कर कार्रवाई की मांग की थी। पीजीआरओ अशोक कुमार झा ने मामले को गंभीर मानते हुए परिवाद को दर्ज कर सुनवाई प्रारंभ की है। जिला योजना पदाधिकारी को नोटिस जारी कर प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया।

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उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में त्रिसदस्यीय जांच टीम गठित

जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्देश पर जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त, जिला योजना पदाधिकारी सुपौल एवं कोषागार पदाधिकारी त्रिवेणीगंज की एक संयुक्त जांच टीम का गठन किया। जांच टीम ने 41 लाख रुपये के सामान क्रय में वित्तीय अनियमितता के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ एवं संचिका प्रभारी को दोषी मानते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की है। जांच समिति द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि तत्कालीन डीपीओ ने कार्यालय आदेश का उल्लंघन कर बिना निविदा के ही आपूर्तिकर्ता को सीधे कार्य आदेश जारी कर दिया। जिस सामान के लिए प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिली थी उसका भी क्रय कर लिया गया। डीपीओ ने ही भौतिक सतयापन कर भुगतान भी कर दिया।

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डीएम ने की कार्रवाई की अनुशंसा

जिलाधिकारी सुपौल ने सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के अंतर्गत अनुमोदित योजनाओं में हुई वित्तीय अनियमितता के लिए जांच में दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग से की है। उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित जांच टीम के द्वारा समर्पित जांच प्रतिवेदन को विभाग को भेजते हुए दोषी डीईओ, डीपीओ के विरुद्ध कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। वहीं डीईओ से दोषी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है।


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