फसल अवशेष जलाने से खेत की समाप्त होती है उर्वराशक्ति
राघोपुर में सिमराही स्थित विद्या निकेतन में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के रूप में गुरुवार को मनाया गया। इस अवसर पर छात्रों के बीच खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मौके पर विद्यालय के निदेशक रीतेश मिश्र प्रणव कुमार विनीता कुमारी अन्नू जायसवाल काजल कुमारी रंजना कुमारी रौशन राजन भाव्या चांद मानवी मेहता सुबोध कुमार आदि मौजूद थे।
सुपौल। फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर बुधवार को समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने कहा कि फसल अवशेष जलाए जाने से न सिर्फ खेत की उर्वरा शक्ति समाप्त होती है। बल्कि इसका कुप्रभाव वातावरण पर भी पड़ता है। अवशेष जलाने से उत्पादन में सहयोग करने वाले लाभदायक जीव एवं किसान मित्र मर जाते हैं। साथ ही खेतों में आग लगाने से उनकी जलधारण करने की क्षमता भी घट जाती है। जिससे खेत जल्दी सूख जाते हैं। साथ ही खेतों में आग लगाने से तरह-तरह की जहरीली गैस निकलती है। इससे मनुष्य को खुले वायु में सांस लेने में परेशानी होती है। इसके अलावा खेतों में आग लगाने से मिट्टी की ऊपरी परत आग से पक जाती है। जिससे उपज प्रभावित होती है। इसकी रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी ने स्वयं की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया। जिसमें वन विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास तथा कृषि विभाग को सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया है। कमेटी गठन करने के उपरांत सभी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने स्तर से पराली जलाने वाले को चिन्हित करें। साथ ही इसको लेकर लोगों के बीच पहुंचकर जागरूकता भी फैलाएं। ताकि मानव निर्मित इस कठिनाइयों को दूर किया जा सके। परियोजना निदेशक आत्मा के राजन बालन के संचालन वाले कार्यशाला में उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार सिन्हा, अपर समाहर्ता अखिलेश कुमार झा, जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा के अलावा सिविल सर्जन, वन प्रमंडल पदाधिकारी, वरीय वैज्ञानिक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सभी समन्वयक समेत अन्य कई विभाग के अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।