पूर्णाहुति के साथ ज्ञान यज्ञ संपन्न
पहले जब मनोरंजन के साधन कम थे और उनका विकास नहीं हुआ था तब नाटक के माध्यम से ही लोग मनोरंजन किया करते थे। गांव की चौपालों पर नाट्य कला परिषदों की धमक होती थी। गांव के लोग इकट्ठे होते थे और होता था तरह-तरह के नाटकों का मंचन। कभी नाटक के माध्यम से राजा हरिश्चन्द्र की कहानी से लोगों को अवगत कराया जाता था। तो कभी नाटक के माध्यम से लैला-मजनू सोनी महिवाल हीर-रांझा शीरी-फरहाद के किस्से का चित्रण होता था।
सुपौल। करजाईन में नवरतन एवं शिवरतन शारदा के आवासीय परिसर में आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ पूर्ण विधि-विधान के साथ संपन्न हो गया। गत पांच नवंबर को कलश यात्रा के साथ आरंभ हुए इस यज्ञ से सात दिनों तक आसपास का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया। यज्ञ के अंतिम दिन मंत्रोच्चार के साथ वृंदावन से पधारे आचार्य अनुज गोपाल कृष्णजी एवं उनके सहयोगियों ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना एवं हवन किया। आचार्य अनुज गोपाल कृष्णजी एवं उनके सहयोगियों द्वारा हवन कुंड में अग्नि प्रज्ज्वलित कर समस्त देवी-देवताओं का आह्वान कर उन्हें संपूर्ण आहुति देकर कर इस ज्ञान यज्ञ को संपन्न करवाया गया। मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। श्रद्धालुओं ने पूर्ण श्रद्धा से पूर्णाहुति दी। इस दौरान आचार्य अनुज गोपाल कृष्णजी ने श्रद्धालुओं को यज एवं हवन संबंधित विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। समापन के मौके पर महाप्रसाद वितरण का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर नवरतन शारदा, शिवरतन शारदा, नेमचंद शारदा, विजय कुमार शारदा, मुरलीधर शारदा, नारायण प्रसाद शारदा, गोपाल कृष्ण शारदा, ओमप्रकाश शारदा, बिनोद शारदा, महेशानंद देव, मुकेश, मनीष, रोहित सहित शारदा परिवार के सदस्य सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।